पंजाब की शांति की खातिर अपनी तथा सुखबीर बादल की कुर्बानी देने को तैयार : बादल

punjabkesari.in Sunday, Sep 16, 2018 - 07:12 PM (IST)

फरीदकोट: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा है कि राज्य में शांति तथा सांप्रदायिक सौहार्द की खातिर तो वह अपना तथा अपने पुत्र सुखबीर बादल का भी बलिदान करने को तैयार हैं। बादल ने आज यहां पोल खोल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें पुलिस ने उनके तथा सुखबीर बादल की हत्या की साजिश के बारे में बताया था, लेकिन वह न तो किसी से डरते हैं और न ही डराने की बात करते हैं जैसा कि उनके खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है। खालसा पंथ का शांति ,सांप्रदायिक सौहार्द तथा सरबत के भले के मूल्यों के लिए कुर्बानियों का इतिहास रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अन्य ताकतों के साथ मिलकर पंजाब को काले दिनों की ओर धकेलने की कोशिश कर रही है।

आतंकवाद के बाद पंजाब ने बड़ी मुश्किल से प्रगति की राह पकड़ी, लेकिन कांग्रेस को राज्य का विकास सुहा नहीं रहा। अपनी विफलताओं को छिपाने के लिये कांग्रेस पुराना खेल तथा साजिश रचना चाहती है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कांग्रेस सिख गुरूद्वारों तथा ऐतिहासिक धार्मिक संस्थाओं पर कब्जा करना चाहती है। उसका मुख्य निशाना शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी है।  उन्होंने बताया कि कांग्रेस जानती है कि खुले तौर पर सिख कभी भी नहीं चाहेंगे कि उनका दुश्मन सिख धार्मिक स्थलों पर कब्जा करे। इसलिये कांग्रेस तथा कथित पंथक गुटों का इस्तेमाल कर ऐसा करने की कोशिश में है। उसने अपनी नाकामियों से भी सबक नहीं सीखा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को चेताया कि जो वह करने की कोशिश कर रही है उससे पंजाब फिर जल उठेगा। इसलिये निहित स्वार्थों के लिये बचकानी हरकत न करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ दिग्गज तथा मंत्री ङ्क्षहसा तथा हत्या की भाषा का इस्तेमाल करने से बाज नहीं आ रहे। कांग्रेस के इन नेताओं ने विधानसभा के मानसून सत्र में भी राज्य में शांति तथा भाईचारे के माहौल खराब करने की कोशिश की थी।

पांच बार प्रदेश की कमान संभाल चुके बादल ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले चुनावों में लोगों से बड़े-बड़े वादे तो किए लेकिन उनमें से कोई अब तक पूरा नहीं किया और लोग कांग्रेस से नाराज हैं। अब कांग्रेस सरकार अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिये बेअदबी जैसे मुद्दों पर लोगों की संवेदनाओं से खिलवाड़ करने की कोशिश में है। ज्ञातव्य है कि कांग्रेस सरकार ने अकालियों की पोलखोल रैली को फरीदकोट में करने की अनुमति नहीं दी। सरकार के फैसले के विरोध में अकाली उच्च न्यायालय चले गये तथा न्यायालय ने शिअद की रैली के आयोजन की अनुमति दी। 

Des raj