प्रेमी जोड़े ने ट्रेन के आगे लगाई छलांग, शवों के हुए टुकड़े-टुकड़े

punjabkesari.in Tuesday, Nov 27, 2018 - 10:37 PM (IST)

जालंधर(महेश): घर वाले जब शादी के लिए नहीं माने तो सलेमपुर मसंदां, डाकखाना तल्हण (थाना रामा मंडी) के रहने वाले प्रेमी-प्रेमिका ने कैंट रेलवे स्टेशन के नजदीक ही पड़ते बाठ कैसल के पीछे आते रेल ट्रैक पर देर रात को होशियारपुर-दिल्ली ट्रेन (14012) के आगे कुदकर अपनी जान दे दी। मृतकों की पहचान संजय मुनी (18) पुत्र अनिल मुनी व लक्षमी (19) पुत्री सुखनाथ राम के रूप में हुई है। कहा जा रहा हैै कि दोनों आपस में शादी करना चाहतेे थे लेकिन घर वालेे राजी नहीं थे, जिसके चलते रात को उन्होंने सुसाइड करने की बनाई हुई योजना केे तहत ट्रेन के आगे छलांग लगा दी।

मृतकों के शवों का हाल इतना बुरा था कि मौके पर पहुंची रेलवे पुलिस जालंधर कैंट को ट्रैक से उनके शरीर के अलग-अलग जगह बिखरे पड़े टुकड़ों को उठाने में काफी मुश्किल आई। जी.आर.पी. के सिटी थाना प्रभारी इंस्पैक्टर सतपाल सिंह, जी.आर.पी. कैंट के प्रभारी अशोक कुमार व ए.एस.आई. मनजीत सिंह ने घटनास्थल पर काफी समय तक जांच की लेकिन मृतकों के पास से किसी भी तरह का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। दोनों परिवारों के पुलिस चौंकी पहुंचने के बाद रेलवे पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए दोनों के शवों को सिविल अस्पताल भेज दिया है। उनका बुधवार को सुबह पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। 

ट्रेन के गार्ड ने दी सूचना
रात 12.30 बजे होशियारपुर-दिल्ली एक्सप्रैस ट्रेन के गार्ड ने रेलवे अधिकारियों को लड़का-लड़की के उनकी ट्रेन के आगे कुदकर खुदकुशी कर लेने की सूचना दी थी, जिसके बाद यह मामला रेलवे पुलिस के ध्यान में आया। 

संजय रात 9 बजे निकला था घर से
संजय मुनी के परिवार वालों ने बताया कि वह रात 9 बजे के करीब अपने बाइक पर घर से मां को यह कहकर निकला था कि वह 10 मिनट में वापस आ जाएगा लेकिन वह जब पूरी रात नहीं आया तो उन्हें चिंता सताने लगी। उन्होंने उसकी तलाश शुरू की लेकिन वह कहीं नहीं मिला। 

10 दिन पहले ही लिया था बाइक
मृतक संजय मुनी के भाई मिथुन मुनी ने बताया कि उन्होंने 10 दिन पहले ही संजय को नया बाइक (स्पलैंडर) लेकर दिया, जो कि उसकी मां जयमाला मुनी के नाम पर था। बाइक की अभी बिलिंग ही हुई थी, आर.सी. भी अभी बाद में मिलनी थी। संजय बाइक लेने के लिए काफी जिद कर रहा था, जिसे मां ने पूरा कर दिया। 

नंगल शामा पुलिस को मिला बाइक
सलेमपुर मसंदां नहर के नजदीक लावारिस हालत में खड़े एक बाइक को जब आज सुबह कुछ लोगों ने देखा तो इस संबंधी पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद नंगल शामा चौंकी की पुलिस ने मौके पर आकर बाइक को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस जांच करने पर पता चला कि बाइक जयमाला मुनी नामक महिला के नाम पर है जो कि सलेमपुर मसंदां गांव में रहती है। पुलिस ने उनसे संपर्क किया तो पता चला कि यह बाइक रात को जयमाला का बेटा संजय लेकर घर से गया था। इसी दौरान ही संजय के घर वालों को सूचना मिली कि सलेमपुर मसंदां की जमीन में ही आते किलोमीटर नं. 423/16,18 के पास एक युवक-युवती ने सुसाइड की है, जिसके बाद रेलवे पुलिस कैंट के पास पहुंचे और वहां जाकर अपने संजय की शिनाख्त की। 

4 दिन पहले छोड़ा था ढाबे से काम 
संजय मुनी ने चार दिन पहले ही रामा मंडी स्थित दशमेश ढाबे से काम छोड़ा था, वहां उसका बड़ा भाई कुकिंग का काम करता हैै और संजय हैल्पर के तौर पर काम करता था। उसने ढाबे पर 3-4 माह काम करने केे बाद छोड़ दिया था। आजकल वह कोई काम नहीं करता था। 

4 भाई-बहनों में सबसे छोटा था संजय 
सैलून का काम करते संजय मुनी के बड़े भाई मिथुन मुनी ने बताया कि वह चार भाई-बहन हैं और बड़े भाई व बहन की शादी हो चुकी है। मिथुन के मुताबिक संजय सबसे छोटा था, जिसकेे चलते वह अपनी हर बात भी उनसे मनवा लेेता था। 

दिल्ली से आकर बसे सलेमपुर में
मिथुन मनी नेे बताया कि वह मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। वहां से आकर ही गांव सलेमपुर मसंदां में वसे हैं। कई साल पहले उसके पिता अनिल मुनी की मौत हो गई थी, जिसके बाद मां जयमाला ने ही अपने चारों बच्चों का पालन-पोषण किया, जिसके लिए मां ने कई मुसीबतें भी उठाई लेकिन बच्चों को कभी कोई मुश्किल नहीं आने दी। 

लक्षमी लोगों के घरों में करती थी काम
मृतका लक्षमी पुत्री सुखनाथ भी अपने परिवार के साथ काफी सालों से सलेमपुर मसंदां गांव में रह रही थी। वह लोगों के घरों में काम करती थी। वह गलत कदम उठाने वाली नहीं थी, पता नहीं उसने संजय के साथ कैसे खुदकुशी करना कबूल कर लिया। 

दोनों परिवारों ने कोई भी जानकारी होने से किया इन्कार
लड़की लक्षमी व लड़के संजय मुनी के परिजन रेलवे पुलिस चौंकी कैंट पहुंचे हुए थे। पुलिस की पूछताछ में उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि वह आपस में प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई बात उनके ध्यान में होती तो वह इस पर विचार कर सकते थे। 
 

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