Ludhiana : फ्लाईओवर पर ठेकेदार की बड़ी लापरवाही, कभी भी घट सकता है बड़ा हादसा

punjabkesari.in Monday, Mar 25, 2024 - 05:15 PM (IST)

लुधियाना (हितेश) : पी.डब्लयू.डी. विभाग द्वारा चांद सिनेमा के नजदीक बुड्ढे नाले पर फ्लाइओवर का जो निर्माण करवाया जा रहा है, उसके ठेकेदार की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसके तहत पुराने पुल को तोड़ने के लिए जालंधर बाईपास चौक की तरफ से आने वाले रास्ते को तो बंद कर दिया गया है, लेकिन जगराओं पुल की तरफ जाने वाले रास्ते को बंद करना ठेकेदार भूल गया है। जहां रास्ता खुला होने की वजह से कोई व्यक्ति गलती से रॉन्ग साइड पर आने पर सीधा बुड्ढे नाले में गिर सकता है। यही हाल शिवपुरी साइड से बुड्ढे नाले के किनारे से होते हुए चंद्र नगर की तरफ जाने वाली रोड पर देखने को मिल रहा है, जहां पहला पुल तोड़ने के दौरान रास्ता बंद किया गया था।  लेकिन अब मलबा हटाने के लिए रास्ता खोला गया है, जिस रास्ते से गुजर रहे दोपहिया वाहन चालक रात के समय सीधे बुड्ढे नाले में गिर सकते हैं। क्योंकि इस प्वाइंट पर ठेकेदार द्वारा कोई लाइट का इंतजाम नहीं किया गया है, जिसे लेकर पी डब्ल्यू डी के ऑफिसर आंखें बंद करके बैठे हुए हैं और उनकी नींद शायद कोई हादसा होने के बाद ही खुलेगी।

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निर्माण की कछुआ चाल को लेकर विधायक बग्गा द्वारा मंत्री से की गई है शिकायत
पी डब्ल्यू डी विभाग द्वारा चांद सिनेमा के नजदीक बुड्ढे नाले पर पुल बनाने के लिए पिछले साल दिसंबर के दौरान वर्क आर्डर जारी किया गया था। जिसमें प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 9 महीने की टाइम लिमिट फिक्स की गई है, लेकिन अब तक पुराने पुल को तोड़ने का काम ही पूरा नहीं हो पाया है। जिसे लेकर विधायक मदन लाल बग्गा द्वारा पी डब्ल्यू डी मंत्री हरभजन सिंह ई टी ओ से शिकायत की गई है कि निर्माण की कछुआ चाल के मद्देनजर 9 महीने में प्रोजेक्ट कैसे पूरा होगा।
जिस पर मंत्री द्वारा पी डब्ल्यू डी विभाग के अफसरों की खिंचाई करने की सूचना है, जो अब तक डिजाइन फाइनल न होने का बहाना बना रहें हैं।

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10 साल से अधर में लटका हुआ है प्रोजेक्ट
चांद सिनेमा के नजदीक बुड्ढे नाले पर पुल बनाने का प्रोजेक्ट 10 साल से अधर में लटका हुआ है। इस पुल को करीब 100 साल पुराना बताया जाता है, जिसे 2011 में अनसेफ डिक्लेयर किया गया और 2018 में भारी वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। हालांकि उससे पहले नजदीक ही वैकल्पिक पुल बना दिया गया था, लेकिन यह पुल वाहनों के लोड के मुकाबले छोटा होने की वजह से ट्रैफिक जाम की समस्या आ रही है। जिसके मद्देनजर अनसेफ पुल को दोबारा बनाने का काम पहले फंड की कमी और फिर काफी देर तक डिजाइन फाइनल न होने की वजह से अधर में लटका रहा। जिसके बाद नगर निगम द्वारा 10 बार टेंडर लगाने के बावजूद कोई कंपनी आगे नही आई तो प्रोजेक्ट पी डब्ल्यू डी विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है। इस चक्कर में भले ही लागत बढ़ गई है, लेकिन टेंडर फाइनल हो गया है। जिसका वर्क आर्डर जारी करने में ही पी डब्ल्यू डी विभाग ने कई महीने लगा दिए और फिर फंड रिलीज न होने के मुद्दे पर काफी देर तक काम बंद रखा।

Content Editor

Subhash Kapoor