दिल चीर देता है ग्यासपुरा ब्लास्ट कांड के पीड़ितों का दर्द

punjabkesari.in Friday, May 11, 2018 - 12:47 PM (IST)

लुधियाना(खुराना) : ग्यासपुरा गैस सिलैंडर ब्लास्ट कांड के पीड़ितों का दर्द दिल चीर देने वाला है। इस हादसे में जहां किसी की औलाद नहीं रही तो कई मासूमों के सिर से मां-बाप का साया तक उठ गया। वहीं जो घायल अभी अस्पतालों में भर्ती हैं, उनके परिजन सलामती की दुआ कर रहे हैं। बता दें कि उक्त धमाके में लोगों की मौत का आंकड़ा 12 तक पहुंच गया है। ‘पंजाब केसरी’ ने जब घटनास्थल का दौरा करके पीड़ित परिवारों का दर्द जानना चाहा तो उनकी आंखों से आंसू छलक उठे। पीड़ितों द्वारा बयां किया गया दर्द दिल को पसीज देता था। 

6 दिन पहले ही मौत घेरकर लाई थी किराए के मकान में 
बुजुर्ग शकुंतला देवी (70) ने भरी आंखों से बताया कि हादसे में उनके जवान बेटे गोङ्क्षबद की मौत हो गई है, जोकि उनके जीवन का एकमात्र सहारा था। उन्होंने बताया कि हादसे के मात्र 6 दिन पहले ही वह नजदीकी इलाके से यहां किराए के मकान में शिफ्ट हुए और हादसे के दौरान उनका बेटा घटनास्थल में फंसे लोगों की मदद करने के लिए पहुंचा था लेकिन खुद मौत का ग्रास बन गया। उन्होंने बताया कि मृतक अपने पीछे 2 लड़कियां व 1 लड़का छोड़ गया है। अब हालात यह हो गए हैं कि मकान का किराया देना और बच्चों को खाना खिलाना मुश्किल हुआ पड़ा है।   

2 महीने के मासूम को गोद में उठाए समय को कोस रही दादी 
मृतक पवन (22) की बुजुर्ग मां अपने 2 महीने के पौत्र को गोद में उठाए हुए समय को कोस रही थी। बुजुर्ग महिला ने रोते हुए बताया कि उसने अपने जवान बेटे को घटनास्थल पर पीड़ितों की मदद करने के लिए भेजा लेकिन उसका खुद का सहारा ही छिन गया। बुजुर्ग फूलमती ने बताया कि हादसे के दिन वह अपने यू.पी. स्थित घर जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंची थी कि पीछे से गैस सिलैंडर ब्लास्ट में पवन के घायल होने की खबर मिलने पर वह स्टेशन से उलटे पांव घर लौटी तो पता चला कि उसकी तो दुनिया ही उजड़ गई है। इस दौरान पवन की अढ़ाई वर्ष की बेटी अपनी दादी से बार-बार यही सवाल कर रही थी कि मम्मी-पापा कहां हैं।  

3 चिताओं को अपने हाथों से दी अग्नि  
गैस सिलैंडर ब्लास्ट कांड में अपने परिवार के तीन सदस्यों बड़े भाई, भाभी व भतीजे को खो चुके विनोद कुमार यादव ने बताया कि वह यू.पी. के जिला प्रतापगढ़ में पड़ते गांव उग्गापुर का रहने वाला है। उन्हें अपने पारिवारिक सदस्यों अशोक यादव, सुनीता यादव व राज यादव की मौत की खबर इंटरनैट के माध्यम से मिली, जिसे सुनकर उसके पांव तले से जमीन खिसक गई। विनोद ने बताया कि घटना का शिकार उसकी दो भतीजियां (मृतक अशोक यादव की बेटियां) अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच की लड़ाई लड़ रही हैं। उसने बताया कि उक्त हादसे ने उससे उसका पूरा परिवार छीन लिया है, जिसमें से तीन मृतकों की चिताओं को वह अपने हाथों से अग्नि दिखा चुका है।

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