लुधियाना: 19 परिवारों की होली कोरोना ने की बदरंग, इतने पॉजिटिव मरीज आए सामने

punjabkesari.in Monday, Mar 29, 2021 - 07:00 PM (IST)

लुधियाना (सहगल): जिले में आज कोरोना वायरस ने अपना कहर बरसाते हुए 19 परिवारों की होली बदरंग कर दी जबकि 387 नए लोगों को संक्रमित किया है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार मृतक मरीजों में 11 मरीज लुधियाना के रहने वाले थे जबकि शेष आठ में 2 बरनाला, 2 जालंधर, 1 मोहाली, एक बठिंडा तथा दो मरीज राजस्थान के रहने वाले थे। दूसरी और 387 पॉजिटिव मरीजों में से 343 जिले के रहने वाले थे, जबकि 44 मरीज दूसरे जिलों अथवा राज्यों से संबंधित थे। विशेषज्ञों के अनुसार जिले के अस्पतालों में इस वर्ष की सर्वाधिक संख्या है जिससे 1 दिन में इतने की मौत हुई हो। जिले में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 33753 हो गई है। इनमें 1129 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिले के अलावा दूसरे जिलों में अथवा राज्यों से उपचार के लिए स्थानीय अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों में से 5320 मरीजों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ चुकी है। इनमें से 583 लोगों की मौत हो चुकी है। आज सामने आए पॉजिटिव मरीजों में 30 मरीज पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने से पॉजिटिव हुए अस्पतालों की ओपीडी तथा फ्लू कॉर्नर में 231 मरीज जांच के दौरान पॉजिटिव आए। इसके अलावा दो हेल्थ केयर वर्कर, एक अंडर ट्रायल तथा 4 टीचर कोरोना पॉजिटिव आए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार जिले में पॉजिटिव मरीजों में से 29735 मरीज ठीक हो चुके हैं, वही वर्तमान में 2889 एक्टिव मरीज हैं।

सरकार खर्च बचाने के लिए कर रही है घरों में आइसोलेट
शहर के  लोगों का मानना है कि सरकार अपने खर्च से बचाने के लिए अपनी नीतियों में परिवर्तन कर मरीजों को घरों में आइसोलेट कर रही है। क्योंकि उसके पास ना तो डॉक्टर व स्टाफ है और ना ही अस्पतालों का प्रबंध। उन्होंने कहा कि घरों में आइसोलेट करने से मरीजों पर कोई अंकुश नहीं रहता। माइल्ड सिम्टम वाले मरीज अपने को ठीक समझते हैं, परंतु बीमारी बढ़ाने का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा बहुत से मरीजों की ऐसी संख्या है जो कोरोना के लक्षण सामने आने पर घर में रहकर अपना उपचार करा रहे हैं। उन्होंने न तो अपने कहीं टेस्ट कराया है और न ही स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट की है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने माइल्ड लक्षण वाले मरीजों, जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं उन्हें घरों में आइसोलेट करने को कहा है। इस नियमों की आढ़ में लेवल वन के मरीजों को उनके घरों में ही रखा जा रहा है।
 

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Tania pathak