लुधियाना इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में हो सकती है नवजोत सिद्धू की अगली छापेमारी

punjabkesari.in Sunday, Sep 30, 2018 - 10:26 AM (IST)

लुधियाना (हितेश): लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा जालंधर व अमृतसर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के एल.डी.पी. केसों में हुई कई सो करोड़ की धांधली का खुलासा करने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी अगली छापेमारी लुधियाना में हो सकती है। 

इस मामले में पंजाब केसरी ने हाल ही में सरकार की उस कार्रवाई को उजागर किया था, जिसमें चीफ विजीलैंस अफसर द्वारा लुधियाना इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट से जुड़े एक दर्जन से ज्यादा एल.डी.पी. केसों में हुए स्पीकिंग ऑर्डर रद्द करने की सिफारिश लोकल बॉडीज विभाग के प्रिंसीपल सैक्रेटरी को की गई है। इन केसों से जुड़ा सबसे अहम पहलू यह है कि उन्हें आऊट ऑफ टर्न बेसिज पर क्लीयर किया गया है, जबकि उसी नेचर की सैंकड़ों फाइलों को सरकार या कोर्ट के ऑर्डर होने के बावजूद काफी देर से पैंङ्क्षडग रखा जा रहा है। 

इसके लिए जिम्मेदार लुधियाना इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया भी सरकार के लेवल पर तेजी से चल रही है, जिन अधिकारियों द्वारा पास किए गए 90 केसों में अगली कार्रवाई करने पर रोक लगा दी गई है। इसी बीच सिद्धू ने जालंधर व अमृतसर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के एल.डी.पी. केसों में हुई कई सो करोड़ की धांधली का खुलासा किया है, जिसके लिए थर्ड पार्टी ऑडिट रिपोर्ट को आधार बनाया गया है। इस रिपोर्ट में नियमों का उल्लंघन होने के रूप में जो पहलू सामने आए हैं, उन्हें लुधियाना के केसों की हो रही जांच में भी शामिल किया जा सकता है। इसके लिए खुद सिद्धू के लुधियाना आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। 

प्लाटों के साइज के चक्कर में इस तरह लगाया गया चूना

थर्ड पार्टी आडिट एजैंसी ने इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों में एल.डी.पी. केसों की आड़ में हुए करोड़ों के घोटाले का जो पर्दाफाश किया है उसका अहम पहलू प्लाटों के साइज से जुड़ा हुआ है, क्योंकि एल.डी.पी. केस में अधिकतम 500 गज तक का प्लाट अलाट किया जा सकता है। लेकिन साथ ही 300 से 500 गज तक के प्लाट पर डबल रेट लेने की शर्त भी लगाई हुई है। जबकि 200 से 300 गज तक डेढ़ गुना रेट लगाया जाता है। इस चक्कर में लोगों द्वारा इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के अफसरों से मिलकर कम साइज के प्लाट लेने को पहल दी जाती है। यहां तक कि कई केसों में बड़े साइज के प्लाट होने के बावजूद अफसरों द्वारा कोर्ट में छोटे साइज के प्लाट अलाट करने की अंडरटेकिंग देने का खुलासा हुआ है।

ड्रा निकालने की प्रक्रिया में गड़बड़ी की आड़ में हो रही प्राइम लोकेशन की अलाटमैंट
इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों में प्लाट अलाट करने के लिए ड्रा निकालने की प्रक्रिया में भी गड़बड़ी हो रही है। इसके तहत पहले तो सभी मैंबरों की हाजिरी व वीडियोग्राफी करवाए बिना ही ड्रा निकाल दिया जाता है जिसकी आड़ में प्राइम लोकेशन की अलाटमैंट हो रही है। नियमों के मुताबिक एल.डी.पी. केसों में प्लाट अलाट करने की प्रक्रिया में उसी स्कीम को पहल देनी चाहिए, जिसके लिए जगह का अधिग्रहण किया गया हो। लेकिन यहां संबंधित स्कीम में प्लाट मौजूद न होने की गलत रिपोर्ट की जाती है।

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