अपनी ही जान के दुश्मन बने लुधियानवी, टला एक और बड़ा हादसा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 16, 2018 - 10:29 AM (IST)

लुधियाना(खुराना): शिमलापुरी इलाके में सोमवार को घरेलु गैस सिलैंडर में लगी आग को समय रहते काबु पाने के चलते एक और बड़ा हादसा होने से टल गया जबकि इससे पहले ग्यासपुरा इलाके में गत दिनों हुए गैस सिलैंडर ब्लास्ट में 14 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा अब तक अन्य कई खौफनाक घटनाएं घटित हो चुकी हैं। 

जानकारी के मुताबिक सोमवार दोपहर शिमलापुरी इलाके में एक महिला जब रोटी पका रही थी तो गैस सिलंडर आग भड़क उठी जो कि सुरक्षा पाइप तक जा पहुंची। इस दौरान गनीमत यह रही कि हादसे के समय बच्चन गैस सर्विस के डलिवरी मैन द्वारा मौके पर मौजुद होने के कारण आग गैस सिलैंडर तक पहुंचने से पहले ही आग पर काबु पा लिया गया। अन्यथा उक्त हादसा जानलेवा साबित हो साकता था। उक्त सारे घटना क्रम में एक बार फिर से लापरवाही उभर कर सामने आई है। कुछ पैसे बचाने की लालच में लुधियानवी अपनी जान के खुद ही दुश्मन बनते जा रहे हैं।असल में लुधियाना शहर के अधिकतर इलाकों में खपतकारों के घरों में वर्षों पहले एक्स्पायर हो चुकी सुरक्षा पाइप ही उनके घरेलु गैस सिलैंडरों में लगी हुई है, जिसकी गैस कंपनियों द्वारा निर्धारित की गई समय सीमा करीब 7 वर्ष पहले ही समाप्त हो चुकी है। लेकिन बावजुद इसके उक्त परिवार संबंधित गैस एजैंसियों के बार-बार कहने पर भी पाइप को बदलवा नहीं रहे हैं। गैस सिलैडर को आग लगने के पीछे मुख्य कारण पाइप की लीकेज होना माना जाता रहा है।

सुरक्षा पाइप की तय समय सीमा 5 वर्ष
यहां बताना अनिवार्य रहेगा कि गैस कंपनियों द्वारा खपतकारों को कनैक्शन के साथ दी जाने वाली सुरक्षा पाइप की तय समय सीमा 5 वर्ष तक निर्धारित की जाती है, जो कि कई मानको से गुजरने के बाद ग्राहकों को मुहैया करवाई जाती है। बताया जा रहा है कि शहर के अधिकतर इलाकों के खपतकारों को रसोई घरों में वर्ष 2006 की सुरक्षा पाइप लगी हुई है। अर्थात 12 वर्ष पुरानी जबकि सुरक्षा के ध्यान में रखते हुए नियमों के मुताबिक उक्त पाइपस को वर्ष 2011 से बदलाए जाना जरूरी बनता था। इसके इलावा एक और अहम बात यह भी बताई जा रही है कि अधिकांश सलम व प्रवासी मजदुरों के इलाकों में बिना कसौटी पर खरी उतरी मात्र रबड़ पाइप का जुगाड़ करके ही गैस सिलैंडरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। थोड़ी सी लापरवाही भी पुरे परिवार सहित कई बेकसूर लोगों के लिए मौत का कारण बन सकती है। 


 

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