मैडम सिद्धू इंकार न करतीं तो बठिंडा सीट पर होता 2014 के जेतली-अमरेंद्र जैसा दिलचस्प मुकाबला

punjabkesari.in Saturday, Apr 06, 2019 - 10:32 PM (IST)

अमृतसर(इन्द्रजीत): यदि नवजोत कौर सिद्धू चुनाव से इंकार न करती तो बठिंडा लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय स्तर का चुनावी महासंग्राम पंजाब में देखने को मिलता। इस सीट पर अकाली दल सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल की पुत्रवधू एवं विक्रम सिंह मजीठिया की बहन हरसिमरत कौर बादल चुनावी मैदान में है। बरहाल कांग्रेस को इस सीट के लिए कोई सेलिब्रिटी उम्मीदवार दिखाई नहीं दे रहा।

देश के अन्य प्रदेशों में जहां पर गुजरात में नरेंद्र मोदी, बिहार में शत्रुघ्न सिन्हा, उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, निरहुआ, स्मृति ईरानी, जयाप्रदा, राज बब्बर, हेमा मालिनी, दिल्ली में अक्षय कुमार, महाराष्ट्र में महेश मांजरेकर आदि ऐसी राष्ट्र और विश्वस्तरीय हस्तियां चुनावी मैदान का आकर्षण बन रही है वहीं पंजाब प्रदेश में इन 13 सीटों पर संभवत एक भी सेलिब्रिटी नेता चुनाव नहीं लड़ रहा। सिल्वर स्क्रीन अभिनेता विनोद खन्ना के निधन के बाद वर्तमान समय में पंजाब में कोई भी सेलिब्रिटी चेहरा चुनावों में नहीं है। सिर्फ बठिंडा की सीट हरसिमरत कौर बादल के कारण हमेशा में ही चर्चा में रही है क्योंकि विपरीत स्थितियों में भी मैडम हरसिमरत बादल ने चुनाव जीता था।

2014 की याद दिला सकता है बठिंडा का चुनावी महासंग्राम
जिस प्रकार वर्ष 2014 में अमृतसर की सीट पर भाजपा की तरफ से अरुण जेटली जैसी बड़ी हस्ती के सामने कैप्टन अमरेंद्र सिंह का मुकाबला ना केवल पंजाब में बल्कि पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना हुआ था। इसी प्रकार बठिंडा की सीट पर हरसिमरत बादल के सामने क्रिकेटर नवजोत सिंह की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू यदि मैदान में आने को तैयार हो जाए तो यह मुकाबला विश्वस्तर पर चर्चित हो सकता है क्योंकि प्रकाश सिंह बादल और उनकी पुत्रवधू हरसिमरत कौर बादल विश्व के उन देशों में अपना पूरा दबदबा रखते हैं और उनके आकर्षण का केंद्र भी है जिन देशों में सिखों की आबादी है। इसलिए हरसिमरत बादल का आकर्षण भी किसी बड़े सेलिब्रिटी से कम नहीं क्योंकि केंद्र में केबिनेट मंत्री रहने के उपरांत उनका रुतबा और भी अधिक बढ़ गया है।

वहीं दूसरी ओर नवजोत सिंह सिद्धू भी विश्वस्तरीय क्रिकेट खिलाड़ी है। इमरान खान के साथ दोस्ती के कारण सिद्धू की टी.आर.पी बहुत आगे बढ़ी है। वहीं उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भी उनके नाम से आगे बढ़ी है। यदि इस लिहाज से देखा जाए तो यदि कांग्रेस मैडम सिद्धू को चुनावों के लिए तैयार कर ले तो बठिंडा की सीट का मुकाबला विश्व स्तरीय चर्चित हो सकता है। वहीं दूसरी ओर हरसिमरत बादल जिस प्रकार अपना पक्ष असरदार तरीके से रखती है उधर मैडम सिद्धू भी एक तेज तरार नेता है वहीं व्यक्तिगत आकर्षण में भी दोनों महिला सेलिब्रिटी एक से बढ़कर एक हैं।

अंत तक बना रह सकता है वनडे मैच का सस्पैंस 
बठिंडा की सीट पर यदि कोई आम उम्मीदवार आ जाए तो इसमें चर्चा का विषय सिर्फ पहले दिन तक ही रहेगा। इसके बाद आम चुनाव की सीटों तक चर्चा रहेगी जिसमें कांग्रेसी और अकाली दल के मुकाबले की जिक्र-वार्ता रहेगी किंतु यदि मुकाबला सिद्धू-बादल मैडमों के मध्य हो तो चुनाव के अंतिम दिन तक वनडे मैच की तरह सस्पैंस बना रहेगा जबकि चुनावी नतीजे में विश्व के मीडिया की निगाहें अंत तक इस सीट को घूरती रहेंगी क्योंकि इसकी चर्चा राजनीति पार्टियों के मुकाबलों की बजाए उम्मीदवारों के चेहरों पर रहेगी।


 

Vaneet