यह चमत्कार या जादू नहीं वैज्ञानिक ट्रिक है, पढ़िए कैसे होता है यह सब

punjabkesari.in Saturday, Jan 05, 2019 - 04:46 PM (IST)

जालंधर। जीभ से सलाखें या त्रिशूल आरपार करना, मुंह में आग के गोले दिखाने के चमत्कार तो आपको कई तांत्रिक बाबाओं ने दिखाए होंगे। जबकि यह सब वैज्ञानिक प्रक्रियाएं हैं, इनके झांसे में आकर लोग साधारण आदमी को भगवान का अवतार मानने लग जाते हैं। जालंधर में 106वीं इंडियन सांइस कांग्रेस में बाबाओं और तांत्रिकों के द्वारा लोगों को प्रभावित किए जाने वाले इन चमत्कारों की पोल डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी उत्तर प्रदेश के अनस फारूखी ने खोली है।

मुंह में जलाया आग का गोला, जीभ के आर-पार किया त्रिशूल..

उन्होंने इंडियन सांइस कांग्रेस में हिस्सा ले रहे स्टूडेंट्स और अन्य बुद्धिजीवियों को पहले हाथ पर और मुंह के अंदर आग जलाकर दिखाई। इसके बाद उन्होंने त्रिशूल अपनी जीभा के आरपार कर दिया। देखने वालों के लिए यह हैरत में डालने वाला दृष्य था। हालांकि अनस फारूकी ने देखने वालों को इसका वैज्ञानिक महत्व समझाया। 

1200 डिग्री तक तापमान 3 सेकेंड तक झेल सकती है त्वचा...

उन्होंने दर्शकों को जागरूक करते हुए बताया कि बाबा या तांत्रिक ऐसे चमत्कार दिखाने के लिए कपूर का इस्तेमाल करते हैं। अनस का कहना है कि हमारी त्वचा की क्षमता इतनी है कि यह 1200 डिग्री तक तापमान 3 सेकेंड के लिए झेल लेती है। दूसरा कपूर को जलाते ही इसकी गैस बन जाती है और यह तुरंत जल उठता है।बाबा लोगों का चमत्कार दिखाना महज तीन सेकेंड का ही ड्रामा होता है।

ये है जीभा में त्रिशूल चुभाने की तकनीक....

.इसी तरह जीभा में त्रिशूल चुभाने और आरपार करने की तकनीक की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि त्रिशूल की राड में एक घुमाव को बाबा लोग अपनी जीभा में छिपा लेते हैं। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि त्रिशूल जीभा के आर-पार हो गया है और रक्त की बूंद भी बही नहीं है।   


 

Suraj Thakur