पुराने सभ्याचार को जिंदा रखने के लिए बनाई शानदार हवेली, देखें तस्वीरें

punjabkesari.in Sunday, Jan 19, 2020 - 03:10 PM (IST)

मंडी लक्खेवाली/श्री मुक्तसर साहिब(सुखपाल,पवन): चाहे आजकल लोग विदेशों से नक्शे मंगवाकर घर बना रहे हैं परन्तु कुछ ऐसे भी हैं, जो पुराने सभ्याचार और विरसे को संभाले हुए हैं। ये लोग बड़े ही शौक से पुरातन चीजों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिसके लिए हौसला, हिम्मत और मेहनत की जरूरत है। कुछ अलग करने की तमन्ना रखने वाले लोग ही सभ्याचार को जीवित रख रहे हैं। ऐसी ही एक मिसाल ऐतिहासिक शहर श्री मुक्तसर साहिब बठिंडा रोड बाइपास के नजदीक कृषि दफ्तर प्रीत नगर गली नंबर-2 में तैयार हो चुकी हवेली से मिलती है।

यह हवेली पुराने जमाने की याद ताजा रखने के लिए विशेष मीनाकारी करके और बहुत मेहनत से बनाई गई है। एक-एक चीज पूरे शानो-शौकत से बनी है। नीचे बेसमैंट पर 3 मंजिला मकान। नीचे से ऊपर तक किले जैसा मकान बनाया गया है। प्रत्येक ईंट को रगड़ा गया है। हवेली की शुरूआत में एक बहुत बड़ा दरवाजा है, जिसकी ऊंचाई 25 फुट और चौड़ाई 22 फुट है। इस दरवाजे को लगाया गया लकड़ी का गेट इसे चार चांद लगा देता है। अलग-अलग जगहों से सामान इकट्ठा करके इस दरवाजे के गेट को तैयार किया गया है। हवेली के अंदर दाहिनी तरफ एक ओर चूल्हा बनाया गया है। जो पुराने जमाने की याद ताजा करते हैं। हवेली के अंदर सारी लकड़ी के दरवाजे, खिड़कियों के लिए सागवान ही लगाई गई है। हैंडल, कुंडे और ताले आदि भी अलग किस्म के हैं। हवेली बनाने के समय इस बात का सबसे अधिक ध्यान रखा गया है कि ज्यादातर सामान सभ्याचार से संबंध रखता हो।

क्या कहना है हवेली के मालिकों का?
इस हवेली की मालकिन हरगोबिन्द कौर और कैनेडा रह रहे उसके पुत्र दरपिन्दर सिंह सराय का कहना है कि इस हवेली को बनाना उनका सपना था, जो सच हो गया है। उन्होंने कहा कि हमें हमारा सभ्याचार और विरसा भूलना नहीं चाहिए। बल्कि आने वाली नई पीड़ियों को यह सब कुछ दिखाने के लिए प्रयत्न करना चाहिए।

पिछले 6 सालों से चल रहा काम: मिस्त्री बलदेव सिंह
इस हवेली को बनाने वाले मिस्त्री बलदेव सिंह भागसर ने बताया कि साल 2015 में इसे बनाना शुरू किया गया था। उसने अपनी पूरी कला और हुनर को पेश किया है। उसने बहुत मेहनत की है, लेकिन मन फिर भी खुश है। क्योंकि लोग बहुत तारीफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तो बहुत-से लोग उसे ऐसा दरवाजा और मकान बनाने के लिए कहते हैं। 

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Sunita sarangal