महारानी परनीत कौर ने जिले के विधायकों को करवाई हैलीकाप्टर की सैर

punjabkesari.in Monday, Nov 25, 2019 - 09:14 AM (IST)

पटियाला(राजेश): मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के जिला पटियाला की जिला शिकायत निवारण कमेटी की हुई 19 नवम्बर की मीटिंग में उठे राजनीतिक तूफान को शांत करने के लिए पटियाला की सांसद और मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की धर्मपत्नी महारानी परनीत कौर ने जिले के कांग्रेसी विधायकों को हैलीकाप्टर की सैर करवाई है।  

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के जिले में हुई कांग्रेसी विधायकों की इस बगावत का पूरे पंजाब के विधायकों पर असर न हो, इसलिए इसको दबाने के लिए परनीत कौर ने जिला शिकायत निवारण कमेटी के चेयरमैन और कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, हलका राजपुरा के विधायक हरदयाल सिंह कंबोज, हलका घनौर के विधायक मदनलाल जलालपुर और हलका समाना के विधायक रजिंदर सिंह को हैलीकाप्टर की सैर करवाई। 

रविवार को नूरमहल में हुए दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के कार्यक्रम में महारानी परनीत कौर समेत इन विधायकों ने भाग लेना था। इस मौके का लाभ उठाते हुए परनीत कौर ने धर्मसोत समेत तीनों विधायकों को अपने मोती महल में बुलाया और उन्हें हैलीकाप्टर में साथ लेकर नूरमहल गईं। तीनों कांग्रेसी विधायकों ने शिकायत निवारण कमेटी की मीटिंग में जिले के प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों की मनमर्जी और भ्रष्टाचार के खिलाफ ताबड़तोड़ हमले किए थे। इसके बाद पूरे पंजाब की राजनीति गर्मा गई थी।  पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, पूर्व मंत्री और यूथ अकाली दल के सरपरस्त बिक्रम सिंह मजीठिया समेत सभी पार्टियों के नेता इस लड़ाई में कूद पड़े थे और बड़े स्तर पर बयानबाजी शुरू हो गई थी। 

मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह इंगलैंड दौरे पर गए हुए हैं। इस दौरान यह घटनाक्रम हुआ है, जिसका लाभ उठाते हुए कांग्रेस पार्टी में कैप्टन विरोधी खेमा और विपक्षी पार्टी के अकाली-भाजपा नेता सरगर्म हो गए हैं। 
विधायकों ने स्पष्ट कहा कि वे मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह और महारानी परनीत कौर के साथ हैं पर जिस तरह से पंजाब की अफसरशाही और पुलिस बेलगाम हुई है, उसका सबसे बड़ा नुक्सान कांग्रेस पार्टी  को होगा। 2022 में फिर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बने, इसलिए वे मुख्यमंत्री के सामने यह मामला लाना चाहते हैं। उन्होंने कहाकि विधायकों ने जिला शिकायत निवारण कमेटी की मीटिंग में जनता की आवाज बुलंद की है, लिहाजा अफसरशाही को कंट्रोल किया जाए।

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