पंजाब कैबिनेट का बड़ा फैसला, वन-टाइम सैटलमैंट पॉलिसी को मंजूरी

punjabkesari.in Wednesday, Jan 02, 2019 - 06:30 PM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी): पंजाब म्युनिसिपल क्षेत्रों में अवैध तरीके से बनी इमारतों को नियमित करने की नीति को भी हरी झंडी मिल गई है। प्रदेश में 30 जून 2018 तक बनी अवैध इमारतों को अब वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी के जरिए नियमित किया जाएगा। इसके  अलावा  ‘द  पंजाब  वन टाइम वालंटियरी डिसक्लोजर एंड सैटलमैंट ऑफ वायलेशन ऑफ द बिल्डिंग्स आॢडनैंस-2018’ को मंजूर कर दिया गया है। यह फैसला बुधवार को पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है। आॢडनैंस के अनुसार कोई भी व्यक्ति निर्धारित तारीख तक बनी इमारत के संबंध में स्वयं घोषणा कर सकता है और इसके लिए आवेदन कर सकता है। ये आवेदन 3 महीने के भीतर करने होंगे। इसके बाद 2 महीने के भीतर जरूरी दस्तावेज, प्लान और निर्धारित फीस जमा करवाई जाएगी।

3 साल में सभी जन सेवाओं का होगा कम्प्यूटरीकरण : मंत्रिमंडल ने जन सेवाओं में पारदॢशता लाने, कार्यकुशलता और जवाबदेही की प्रणाली को पुख्ता बनाने के लिए ड्राफ्ट रूल के नए दस्तावेज को मंजूरी प्रदान कर दी है। पंजाब ट्रांसपेरैंसी एंड अकाऊंटेबिलिटी इन डिलीवरी ऑफ पब्लिक सॢवस एक्ट की धारा-20 के तहत ड्राफ्ट रूल प्रशासकीय सुधार और लोक शिकायत निवारण विभाग द्वारा बनाए गए हैं।  इस नियम के तहत सभी जन सेवाओं का तीन साल के भीतर कम्प्यूटरीकरण सुनिश्चित करने के अलावा आवेदन की ऑनलाइन रसीद अनिवार्य होगी।  

जिनके खिलाफ कार्रवाई, उन्हें भी मिलेगा वन टाइम सैटलमैंट का लाभ

अवैध निर्माण को नियमित करने के मामले में जहां संबंधित अधिकारी या म्युनिसिपल कार्पोरेशन या म्युनिसिपल कौंसिल या नगर पंचायत या इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के कर्मचारियों की तरफ से अनुशासनीय कार्रवाई शुरू की गई है और जो ऐसे उल्लंघन के लिए जिम्मेदार पाए गए हैं, के लिए भी एकमुश्त निपटारा बिना किसी पक्षपात से लागू होगा।

रिहायशी प्लाटों पर बनी इमारतों में नियमित न करने योग्य इमारती उल्लंघनाओं की मौके पर पड़ताल करके निपटारा किया जाएगा। इसके लिए 300 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से एकमुश्त निपटारा फीस देनी होगी। यह अमृतसर, जालंधर और लुधियाना म्युनिसिपल कार्पोरेशन और इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों के मामले में होगी। बाकी म्युनिसिपल कार्पोरेशनों और इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों और सभी म्युनिसिपल कौंसिलों और नगर पंचायतों में यह राशि 200 रुपए प्रति वर्ग फुट होगी। 

अमृतसर, जालंधर और लुधियाना क्षेत्रों में नियमित न करने योग्य गैर-रिहायशी इमारती उल्लंघनाओं के मामलों का निपटारा 1000 रुपए वर्ग फुट की फीस के साथ होगा जबकि दूसरे स्थानों पर 600 रुपए प्रति वर्ग फुट भरना होगा। 

स्मार्टफोन का वितरण मार्च में संभावित

लंबे समय से स्मार्टफोन का इंतजार कर रहे युवाओं को आखिरकार अब पंजाब सरकार यह सौगात देने जा रही है। पहले चरण में सरकारी स्कूल, कॉलेज और तकनीकी संस्थानों के ग्रैजुएट स्टूडैंट्स को स्मार्टफोन दिया जाएगा। विद्याॢथयों को स्व: घोषणा पत्र देना होगा कि उनके पास पहले कोई मोबाइल फोन नहीं है।
मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में निर्णय लिया गया कि स्मार्टफोन के अलावा विद्याॢथयों को एक वर्ष के लिए 12 जी.बी. डाटा और 600 मिनट लोकल टॉक टाइम की भी सुविधा दी जाएगी। फोन का वितरण मार्च 2019 से किया जा सकता है। 

Vaneet