पंजाब कांग्रेस में अगले माह बड़ा फेरबदल तय, सिद्धू की भूमिका पर टिकी सबकी नजरें

punjabkesari.in Monday, Jun 15, 2020 - 08:50 AM (IST)

चंडीगढ़ (हरिश्चंद्र): लंबे समय से शांत दिख रही पंजाब कांग्रेस की राजनीति में जल्द ही बड़ी हलचल होने वाली है। पांच माह से पंजाब कांग्रेस में केवल सुनील जाखड़ ही बतौर प्रधान काम कर रहे हैं, जबकि प्रदेश पदाधिकारियों, कार्यकारिणी और जिला इकाइयों समेत पूरी प्रदेश इकाई भंग पड़ी है। विधानसभा चुनाव में डेढ़ साल बाकी रहने के चलते पार्टी ने ऐसी टीम बनाने पर मंथन शुरू कर दिया है, जिसमें अनुभवी व युवा चेहरों को बराबर जगह मिले। सूत्रों की मानें तो अगस्त तक इसकी घोषणा कर दी जाएगी। यह भी तय है कि कई चेहरे इस नई टीम से बाहर होंगे, जो अब तक संगठन में विभिन्न पदों पर रहे हैं।
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गौरतलब है कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जनवरी में पंजाब कांग्रेस प्रभारी आशा कुमारी, मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ लंबी मंत्रणा के बाद अगले ही दिन अचानक पंजाब यूनिट को भंग करने का ऐलान कर दिया था। इस दौरान संगठन व सरकार में तालमेल को और बेहतर बनाने के लिए पार्टी हाईकमान ने 11 सदस्यीय पैनल गठित किया था, जिसका चेयरपर्सन आशा कुमारी को बनाया गया था। इस पैनल में कै. अमरेंद्र सिंह व सुनील जाखड़ के अलावा पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अंबिका सोनी को भी शामिल किया गया। साथ ही 4 मंत्रियों सुखजिंद्र सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, विजय इंद्र सिंगला व सुंदर शाम अरोड़ा, 2 विधायकों गुरकीरत सिंह कोटली व कुलजीत नागरा और प्रदेश कांग्रेस महासचिव संदीप संधू को पैनल में जगह मिली थी। खास बात यह है कि इस तालमेल कमेटी की गठन के बाद से अब तक कोई बैठक नहीं हुई है।
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पंजाब कांग्रेस की नई बनने वाली टीम में नवजोत सिद्धू की क्या भूमिका रहेगी, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी अपने करीबी नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश में किसी बड़े पद पर एडजस्ट करना चाहते हैं। मगर राहुल गांधी के लिए नवजोत सिद्धू को पंजाब में एडजस्ट करना किसी कसरत से कम नहीं होगा, क्योंकि मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह और सिद्धू में छत्तीस का आंकड़ा है। मौजूदा हालात में अमरेंद्र को हाईकमान नाराज नहीं कर सकता, क्योंकि बीते 2 दशक में वह पंजाब कांग्रेस में ऐसे कद्दावर नेता बन गए हैं जहां उनका कोई विकल्प नहीं है। पार्टी के अंदर व बाहर कड़े विरोध के बावजूद कैप्टन की कुर्सी इसी कारण सुरक्षित रही है, क्योंकि हाईकमान उनके कद को देखते हुए नरम पड़ जाता है। यही वजह है कि प्रदेश संगठन में भी उनके चहेतों की भरमार रहती है।

 

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काम करने वालों को ही मिलेगी जगह : जाखड़
पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ का कहना है कि एक माह में प्रदेश इकाई का गठन करने की तैयारी शुरू हो गई है। ‘पंजाब केसरी’ के साथ बातचीत दौरान जाखड़ ने बताया कि ए.आई.सी.सी. की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी व मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के साथ बैठक कर प्रदेश इकाई के बारे में चर्चा की जाएगी। आशा कुमारी 18-19 जून को चंडीगढ़ आ रही हैं। वह जिला इकाइयों की सूची को प्राथमिकता देंगे और उसके बाद प्रदेश इकाई के गठन पर काम होगा। उम्मीद है कि एक माह में सूची तैयार कर हाईकमान को भेजेंगे, क्योंकि अंतिम मोहर हाईकमान ने ही लगानी है। जाखड़ ने कहा कि वह प्रभावशाली कमेटियां बनाएंगे, जिसमें काम करने वाले नेताओं को ही जगह मिलेगी। 


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