आर्थिक मंदी के कारण पंजाब की बड़ी औद्योगिक इकाई मालवा ग्रुप ने गारमैंट यूनिट किया बंद

punjabkesari.in Saturday, Mar 07, 2020 - 09:52 PM (IST)

श्री माछीवाड़ा साहिब(टक्कर): राज्य की कांग्रेस सरकार ‘इनवैस्ट पंजाब’ प्रोग्राम के अंतर्गत जहां पंजाब में नई औद्योगिक इकाईयां लगाने के दावे कर रही है वहीं दूसरी तरफ पुरानी इंडस्ट्री आर्थिक मंदी और सरकारों द्वारा लगाए टैकसों व महंगी बिजली कारण बंद हो रही हैं जिस के अंतर्गत माछीवाड़ा निक्ट बड़े औद्योगिक घराने मालवा ग्रुप ने इस घोर मंदी को देखते अपना गारमैंट यूनिट बंद कर सैंकड़े मुलाजिमों को छुट्टी पर भेज दिया।

प्राप्त जानकारी अनुसार माछीवाड़ा निकट मालवा ग्रुप द्वारा तीन बड़ी औद्योगिक इकाईयां स्थापित की गई थीं जिस में दो मालवा वशटड और मालवा प्रोसैसिंग को पिछली अकाली-भाजपा सरकार समय आर्थिक मंदी और घाटे के चलते बंद हो गई जिन को बाद में बेच दिया गया। यह बड़े 2 यूनिट बंद होने के कारण यहां से हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए जो माछीवाड़ा इलाका छोड़ दूसरी तरफ काम की तलाश में चले गए जिस से इलाके के सारा कारोबार प्रभावित हुआ। पिछले कुछ वर्षों से मालवा के गारमैंट यूनिट में ब्रैंडड जीन की पैंट तैयार होती थीं और यह यूनिट भी आर्थिक मंदहाली कारण घाटे में चल रहा था परंतु आज इंडस्ट्री प्रबंधकों द्वारा अचानक 700 मजदूरों को यह फैसला सुना दिया गया कि यह यूनिट भी 2 महीने के लिए बंद कर दिया गया है, जिस को सुन इन गरीब मजदूरों के पैरों नीचे से जमीन खिसक गई।

ब्रैंडड जीन ने अपना आर्डर रद्द किया
माछीवाड़ा निकट स्थित मालवा गारमैंट यूनिट में पिछले कई वर्षों से एक ब्रैंडड जीन तैयार होती थी जो कि देश के इलावा विदेशों में स्पलाई होती थी। यह ब्रैंडड जीन तैयार करवाने वाली कंपनी द्वारा एकदम अपना आर्डर रद्द कर दिया गया जिस कारण मालवा ग्रुप को भी आगे अपने मजदूरों को 2 महीने के लिए छुट्टी पर भेज दिया। बताया जा रहा है कि 2 महीने दौरान मालवा ग्रुप किसी ओर जीन बनाने वाली कंपनी के से संपर्क कर फिर इस यूनिट को शुरू करने की कोशिश में है परंतु देश में फैली आर्थिक मंदी कारण बड़ी ब्रैंडड जीन कंपनी द्वारा अपना आर्डर रद्द करना चिंताजनक विषय है।

मजदूरों की आंखों से आंसू बह गए
मालवा गारमैंट यूनिट द्वारा 2 महीने के लिए अचानक अपना कारोबार बंद करने के फरमान के बाद यहां काम करते 700 से अधिक मजदूर बहुत ही भावुक दिखाई दिए। बताया जा रहा है कि जब प्रबंधकों ने यह यूनिट बंद करने का फरमान सुनाया तो उनकी आंखों में से आंसू बहने लगे कि अब वह अपने परिवार का पालन-पोषण कैसे करेंगे। मिल में काम करने वाले 700 गरीब मजदूरों से उनके सैंकड़े पारिवारिक मैंबर भी जुड़े हुए हैं जो कि मिल की तनख्वाह पर निर्भर थे परंतु अब इन सभी को चिंता सता रही है कि इस मंदी के दौर में उन को नौकरी कहां से मिलेगी।

माछीवाड़ा के कारोबार पर पड़ेगा सीधा असर
देश में फैली आर्थिक मंदी कारण औद्योगिक इकाईयां बंद होने का सीधा असर माछीवाड़ा इलाके के दुकानदारों और प्रत्येक कारोबारी को पड़ेगा क्योंकि इलाके की मिलों में काम करते मजदूर अपनी कमाई का 75 प्रतिशत हिस्सा पास के बाजारों में जरूरी वस्तुएं खरीदने पर खर्च करते थे परंतु पहले ही आर्थिक मंदी कारण चिंता में डूबे दुकानदारों के लिए यह इलाके की मिलों का बंद होना और बड़ी परेशानी का कारण बनेगा। मालवा ग्रुप के बेरोजगार हुए 700 मजदूर और इनके पारिवारिक मैंबर माछीवाड़ा शहर व निकट ही गांवों में मकान किराए पर लेकर रहते थे जिस कारण अब किराए पर मकान देने वालों का कारोबार भी प्रभावित होगा।

Vaneet