अदालत में करूंगा लौंगोवाल के कार्यकाल में हुए कार्यों का खुलासा : मन्ना
punjabkesari.in Monday, Nov 25, 2019 - 11:43 AM (IST)

अमृतसर(ममता):एस.जी.पी.सी. अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल द्वारा मानहानि केस की चेतावनी पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव व प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना ने कहा कि वह लौंगोवाल के कार्यकाल में हुए कार्यों का खुलासा अब अदालत में कर सच दुनिया के सामने लाएंगे। एस.जी.पी.सी. का समय-समय नेतृत्व करते रहे पदाधिकारियों की गतिविधियों का खुलासा कर बता देंगे कि ये कितने पंथक हैं व उन्हें पंथ का कितना दर्द है। पंथ हितों की कथित दुहाई देने वालों के निजी हित क्या हैं और पंथ को गिरवी रख कैसे इन्हें (निजी हितों को) पूरा करते हैं। मन्ना ने कहा कि उन्होंने जो भी आरोप लगाए हैं उनकी फाइलें एस.जी.पी.सी. दे तो वे साबित कर देंगे कि घपला कैसे, किस योजना से किया गया।
मन्ना ने कहा कि एस.जी.पी.सी. अधिकारियों ने खुद बता दिया कि देसी घी टीनों में कम निकला तो बचा घी किस अकाली नेता के होटल व रिजोर्ट में भेजा जा रहा है। एस.जी.पी.सी. इसे घोटाला नहीं मानती। ऐसे में विभाग के मंत्री से शिकायत करने भाग रही है कि कहीं जांच में इसके पदाधिकारियों का वेरका के कुछ अधिकारियों से हुआ गुप्त समझौता सामने न आ जाए। इस संबंध में डाली गई आर.टी.आई. का जवाब देने से भी एस.जी.पी.सी. क्यों भाग रही है?
मन्ना ने कहा कि एस.जी.पी.सी. प्रधान उन पर केस करने से पहले सुखबीर के भाई मनप्रीत सिंह बादल पर भी केस दायर करे, जिन्होंने विधानसभा में बोला था कि मेरी ताई व प्रकाश सिंह बादल की पत्नी के भोग पर लगाया गया सारा लंगर एस.जी.पी.सी. द्वारा तैयार किया गया था। जून 1984 में श्री हरिमंदिर साहिब पर हुई सैन्य कार्रवाई के खिलाफ एस.जी.पी.सी. ने केंद्र सरकार पर 1 हजार करोड़ रुपए मुआवजे का केस कर रखा है, जिसे जानबूझ कर जीत नहीं रही। उन्होंने प्रधान लौंगोवाल को चेतावनी दी कि उन्हें बेवजह डराने की बजाय कमेटी में हो रहे घपलों पर लगाम लगाएं।
मन्ना कहा कि एस.जी.पी.सी. ने वेरका को 80 करोड़ रुपए में टैंडर दिया था, जिसका एक मैंबर ने विरोध किया तो 72 करोड़ कर दिया गया, क्योंकि एस.जी.पी.सी. घोटाला करने को सिर्फ वेरका को ही टैंडर देना चाहती थी, जबकि अन्य फर्मों ने कई गुना कम दाम पर टैंडर भरे थे पर मिलावट की बात कह कर उनको रिजैक्ट कर दिया गया। बिना किसी घी की जांच किए कैसे फैसला किया गया कि अन्य फर्मों के घी में मिलावट हो सकती है।
निजी हितों के लिए पूरा नहीं किया जा रहा श्री गुरु रामदास लंगर हाल इमारत का कार्य
एस.जी.पी.सी. श्री गुरु रामदास लंगर हाल इमारत का विस्तार निर्माण करवा रही है। कमेटी कह रही है कि 2009 में काम शुरू किया गया था तो 10 साल बाद भी पूरा क्यों नहीं हो सका? सिर्फ निजी हितों के लिए इसे पूरा नहीं किया जा रहा है। जो निर्माण कार्य मुफ्त में कार सेवा वाले बाबे व संगत कर सकती है तो उसका टैंडर निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को करोड़ों रुपए में क्यों दिया गया ?
मन्ना ने उठाए सवाल
- वेरका घी के टीनों में कम मात्रा की विभाग के मंत्री से कम्प्लेंट क्यों नहीं कर रही एस.जी.पी.सी.
- कार सेवा व संगत के सहयोग से मुफ्त बनती लंगर हाल इमारत फिर क्यों खर्चे करोड़ों रुपए
- कम वजन वाले टीनों का घी किस अकाली नेता के होटल व रिजोर्ट में भेजा जा रहा