‘ऑप्रेशन ब्लू स्टार’ के लिए केन्द्र सरकार मांगे माफी : सिरसा

punjabkesari.in Wednesday, Jun 05, 2019 - 11:22 AM (IST)

नई दिल्ली(ब्यूरो): दिल्ली भाजपा के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा मंगलवार को उस वक्त विवादों में घिर गए जब उन्होंने जरनैल सिंह भिंडरांवाले और उसके समर्थकों का बचाव करते हुए ‘ऑप्रेशन ब्लू स्टार’ चलाने के लिए केन्द्र सरकार से माफी मांगने के लिए कहा। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि जहां तक मुझे पता है भिंडरांवाले के खिलाफ आरोपों के सिवाय कुछ नहीं है। वह और उनके समर्थक गुरुद्वारा पर हमले के खिलाफ लड़ रहे थे। 

आप्रेशन ब्लू स्टार को लेकर प्रतिनिधिमंडल करेगा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाका
ऑप्रेशन ब्लू स्टार की जांच कराई जाए ताकि तथ्य सामने आ सकें जो आरोपों के तहत दब गए हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा समिति के अध्यक्ष सिरसा ने कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से 7 जून को मुलाकात कर मांग करेगा कि जांच आयोग का गठन किया जाए। साथ ही उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) ‘ऑप्रेशन ब्लू स्टार’ की गहन जांच करे। सिरसा ने कहा कि ऑप्रेशन में कई निर्दोष लोग मारे गए थे। राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए यह पूर्व नियोजित था।    



भिंडरावाला सिख कौम पर हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ रहे थे
पत्रकारों द्वारा पूछे सवाल कि आप संत जरनैल सिंह भिंडरांवाले को आतंकवादी नहीं मानते, उन्होंने कहा कि संत भिंडरांवाले पर कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं था। वह सिख कौम पर हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज बुलंद कर रहे थे न कि कोई आतंकवाद फैला रहे थे। सिरसा ने कहा कि देश का अगर कोई भी सबसे बड़ा आतंकवादी है तो वह सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, कमलनाथ व कई अन्य लोग हैं, जिन्होंने 1984 में निहत्थे और बेगुनाह सिखों का बेरहमी से कत्ल किया।  



गौरतलब है कि सिखों के धार्मिक पंथ दमदमी टकसाल के प्रमुख भिंडरांवाला व उसके समर्थक जून 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर में भारतीय सेना के अभियान ‘ऑप्रेशन ब्लू स्टार’ में मारे गए थे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिरसा ने कहा है कि 1984 में श्री अकाल तख्त साहिब और श्री दरबार साहिब अमृतसर पर हमला करके हजारों मासूम और बेगुनाह सिखों को साजिश के तहत मारने के तथ्यों को उजागर करवाने की उनकी प्रमुख मांग है। इस संबंध में एस.आई.टी. गठित करवाने के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव डालने के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, तख्त श्री पटना साहिब कमेटी और तख्त श्री हजूर साहिब कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति को मिलेगा।
 
35 साल बाद भी कोई जांच नहीं
सिरसा ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि इस हमले को 35 साल बीत गए हैं पर देश के किसी भी जिम्मेदार नेता ने इस बात को नहीं उठाया कि भाईचारे का संदेश देने वाली कौम पर किस तरह बेरहमी से हमला किया गया। देश में किसी ने अफसोस तक जाहिर नहीं किया और न ही किसी सरकार ने माफी मांगी। दिल्ली कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने तो माफी क्या मांगनी थी, वह तो कातिलों को बचाने में लगी रही।उन्होंने कहा कि मांग पत्र में हम यह भी मांग कर रहे हैं कि अपने पवित्र स्थान पर हुए हमले के रोष स्वरूप जिन फौजी भाइयों ने विरोध किया था और उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोने पड़े थे उन धर्मी फौजियों को मुआवजा दिया जाए और इस हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को भी मुआवजा दिया जाए।



किसी ने इंदिरा गांधी को उकसाया था तो उसकी भी जांच होनी चाहिए
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि हमले में गांधी परिवार की शमूलियत की भी मुकम्मल जांच करवाई जाए क्योंकि राजीव गांधी द्वारा करवाए गए कत्लेआम के समय सोनिया गांधी भी उनके साथ रहती थीं। एक सवाल के जवाब में सिरसा ने कहा कि श्री दरबार साहिब पर हमले के लिए अगर किसी ने इंदिरा गांधी को उकसाया था तो उसकी भी जांच होनी चाहिए। बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण अडवानी की एक पुस्तक में खुलासा हुआ था कि भाजपा नेताओं ने भी तत्कालीन प्रधानमंत्री को सेना बुलाने एवं अटैक के लिए कहा था।
  

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