मनजीत धनेर की उम्रकैद की सजा बरकरार, पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

punjabkesari.in Tuesday, Sep 03, 2019 - 02:58 PM (IST)

भवानीगढ़(कमलजीत,कांसल): भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा के राज्य सीनियर मीत प्रधान मनजीत सिंह धनेर की उम्र कैद की सजा को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखे जाने के फैसले के रोष के चलते आज भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा की ब्लाक इकाई ने अनाज मंडी के नजदीक स्थानीय शहर से गुजरती नेशनल हाईवे पर पंजाब सरकार की अर्थी फूंक कर जोरदार नारेबाजी की।

यूनियन के राज्य मीत प्रधान गुरमीत सिंह भट्टीवाल और ब्लाक प्रधान करम सिंह बल्याल ने बताया कि बरनाला में काफी समय पहले हुए किरणजीत कांड दौरान बी.के.यू एकता डकौंदा और अनेक जत्थेबंदियों ने इस कांड के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए कड़ा संघर्ष किया, जिसके दौरान इस संघर्ष को दबाने के लिए यूनियन के राज्य सीनियर मीत प्रधान मनजीत सिंह धनेर सहित अन्य नेताओं पर कत्ल का झूठा मुकद्दमा दर्ज किया गया था। जिसमें मनजीत सिंह धनेर सहित बाकी नेताओं को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद जत्थेबंदियों की तरफ से किए गए संघर्ष के आगे घुटने टेकते हुए सरकार और उस समय के राज्यपाल ने इनकी उम्र कैद की सजा को माफ कर दिया था और जिसके बाद विरोधी पक्ष ने इससे सम्बन्धित माननीय हाईकोर्ट में अपील दर्ज की और माननीय हाईकोर्ट ने इन नेताओं की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखने का फैसला सुनाया, जिसके बाद इंसाफ के लिए जत्थेबंदियों ने माननीय सुप्रीम कोर्ट में इस सम्बन्धित अपील दर्ज की।

उन्होंने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर पर राज्य सरकार और राज्यपाल से इन नेताओं की सजा माफ करवाने के लिए बार-बार फाइल मांगे जाने पर सरकार और राज्यपाल ने यह फाइल माननीय सुप्रीम कोर्ट में नहीं दी। जिसके कारण आज माननीय सुप्रीम कोर्ट ने हमारे नेताओं की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखे जाने का फैसला सामने आया है। उन्होंने कहा कि सरकार और राज्यपाल ने जान-बूझ कर फाइल को दबा दिया और इसे सुप्रीम कोर्ट में नहीं दिया। जिसके कारण हमारे नेताओं के साथ फिर से बेइन्साफी हुई है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं की सजा को माफ करवाने के लिए राज्य की 7 किसान जत्थेबंदियों ने जल्दी ही मीटिंग करके कोई सख्त फैसला लिया जाएगा और सरकार के विरुद्ध संघर्ष किया जाएगा। उन्होंने मांग की कि एक बलात्कार से पीड़ित लड़की जिसका दोषियों द्वारा कत्ल कर दिया गया था के परिवार के लिए इन्साफ की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे व्यक्तियों पर ही झूठे मुकद्दमे दर्ज करके उनको उम्रकैद की सजा दिलवाने के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है।

 

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