पूरे देश में मोदी लहर थी, लेकिन पंजाब में शिअद उसे भी कैश नहीं करा पाया:मनजीत सिंह जी.के.

punjabkesari.in Saturday, Jul 06, 2019 - 10:20 AM (IST)

जालंधर(वरुण): शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता एवं दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी के पूर्व प्रधान मनजीत सिंह जी.के. ने पंजाब केसरी के साथ खास बातचीत में कहा कि पूरे देश में मोदी लहर थी, लेकिन  पंजाब में शिरोमणि अकाली दल उस लहर को कैश नहीं करा सका। उन्होंने कहा कि जब तक शिरोमणि अकाली दल में परिवारवाद खत्म नहीं होगा तब तक  शिरोमणि अकाली दल का यही हाल रहेगा और आने वाले समय में शिरोमणि अकाली दल से जुड़े लोग धीरे-धीरे किनारा करते जाएंगे। उनसे हुई बातचीत इस प्रकार है-

प्रश्न-लंबे समय में अकाली सरकार में रहने और बादल परिवार के करीबी होने पर भी आपको पार्टी से निकालने के बयान आए?
जवाब -
मैंने 1982 में शिरोमणि अकाली दल ज्वाइन की थी। 1995 में पहली बार चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी में उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा था। इसके चलते उन्होंने शिरोमणि अकाली दल को छोड़ कर अपनी पार्टी बना ली और धार्मिक कार्य करने लगे। 2008 में सुखबीर सिंह बादल जब  प्रधान बने तो वह उनके पास आए व अपनी पार्टी को छोड़ कर दोबारा से अकाली दल ज्वाइन करने को कहने लगे। उन्हें फ्री हैंड की भी ऑफ र दी गई थी। ज्वाइन करने के बाद दिल्ली में हुए चुनावों में पहली बार 4 में से 3 सीटें जीती। उस समय शिरोमणि अकाली दल पार्टी पूरी पावर में था। 2017 में दोबारा चुनाव थे लेकिन इस दौरान पंजाब में एक के बाद एक बेअदबी कांड हुए। उनकी शर्त के चलते दिल्ली में पंजाब के अकाली दल के नेताओं की फोटो नहीं लगाई और तब वह अपने लैवल पर 46 में से 35 सीटें जीत गए। बस अब शिरोमणि अकाली दल को यही खतरा सता रहा था जिसके चलते उन पर आरोप लगा दिए। 

प्रश्न 2-आप पर गुल्लक के दुरुपयोग करने के आरोप लगे, सच क्या था? 
जवाब -
यह मात्र एक साजिश थी। वैसे भी करप्शन के आरोप शिरोमणि अकाली दल के कई बड़े नेताओं पर लग चुके हैं। किस पर आरोप नहीं लगा। इन आरोपों के खिलाफ वह लड़ाई लड़ रहे हैं। एक दिन सच सामने आ जाएगा। झूठे कागज तैयार किए गए थे। मुझे राजनीति से बाहर करना चाहते थे। 

प्रश्न 3- अकाली दल में होते हुए आपने कभी पार्टी के खिलाफ क्यों नहीं बोले? 
जवाब-
मैं आज ही नहीं बल्कि पहले भी पार्टी में कुछ गलत होता था तो 100 प्रतिशत बोलता था। क्या क्या पार्टी में हो रहा था, सब जानता था और बताता भी था। उनकी बातों को नजरअंदाज किया जाता था और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इस्तीफे के बाद सुखबीर सिंह बादल ने शोर मचा दिया कि जी.के. को निकाल दिया है। 

प्रश्न 4-आप ने मीडिया मेें फिर ऐसे बयान पहले क्यों नहीं दिए?
जवाब-
मीडिया के सामने भी मैं अपना पक्ष रख चुका हूं। 31 दिसम्बर को मैंने प्रैस कांफ्रैंस की और कहा था कि जो डेरे में जा रहे हैं, उनकी अकाल तख्त से शिकायत करूंगा। हमें डेरे की वोट नहीं चाहिए। फिर सुखबीर बादल का फोन आया कि और उन्हें दिल्ली वापस जाने को कहा। इतना ही नहीं, बड़े बादल को भी वह कह चुके थे कि बेअदबी कांड का विरोध कर रहे युवकों पर गोली क्यों चलाई? 

प्रश्न5-बेअदबी गोली कांंड इनके कहने पर हुए?
जवाब-
मैं नहीं जानता। एस.आई.टी. बनी हुई है, सच सामने आ रहा है। उस समय अगर राज इन लोगों का था तो जिम्मेदारी भी इन्हीं की ही थी। 

प्रश्न 6-दिल्ली गुल्लक धांधली में आपका क्या कहना है?
जवाब-
काफी प्रूफ दे चुका हूं। इन लोगों के बंदे ही मुझे अंदर से कागज निकाल कर दे रहे हैं। वह भी लोगों के सामने ला रहा हूं। एक दिन आरोपों का खंडन होगा। 2012-13 में सुखबीर बादल व अरुण जेटली कालका से चुनाव लड़वाना चाहते थे लेकिन उन्होंने हामी नहीं भरी थी।   

प्रश्र 7- क्या फंड इस्तेमाल होते थे, कब व कहां?
जवाब-
हुए ही हैं। चाहे पंजाब के चुनाव हों या फिर दिल्ली में विधानसभा के चुनाव। फंड ही  इस्तेमाल नहीं हुए बल्कि बंदे भी इस्तेमाल होते थे, जिनकी ड्यूटी लगा करती थी। 

प्रश्न 8-अपने सुखबीर बादल के  इस्तीफे की मांग की थी, उसका क्या बना? 
जवाब-
यह चुनाव मोदी रंग में था। आखिरी हफ्ते में मोदी ने 1984 का मुद्दा उठाया। कैप्टन ने धार्मिक ग्रंथ की कस्म खाकर भी कोई काम नहीं किया और लोग उनके खिलाफ थे लेकिन फिर भी पंजाब में अकाली दल मोदी लहर को भी कैश नहीं करा पाया और यह सोचने की बात है। 

प्रश्र9 -विदेश में आप जैसे धार्मिक प्रचारक पर हमला क्यों हुआ?
जवाब-
मैं 5 सालों में 25 बार विदेश जा चुका हूं। 500 से लेकर 8000 तक की भीड़ होती है। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो आई.एस.आई. से फंड लेते हैं और कुछ अपने बंदे भी शामिल होते हैं। हमला होने के बाद भी मैं डरा नहीं। दिल्ली में डिवैल्पमैंट के कार्य किए। सज्जन सिंह को अंदर करने में भी भूमिका निभाई है। 

प्रश्व10-हंस राज हंस की तरह बी.जे.पी. में आने की प्लानिंग है?
सवाल -
बी.जे.पी. से पिछले समय से लोगों के लिए काफी काम करवाया। कोई निजी काम नहीं। कोई भी सरकार होगी उनसे लोगों के काम ठोक कर करवाऊंगा। 

प्रश्न11-अकाली दल खिलाफ आपने मोर्चा खोला, क्या रणनीति तय की?
जवाब-
मैं लोगों से मिल रहा हूं। नैशनल राजनीति में जाना है।  30 जुलाई तक राजनीति में आने के लिए बड़ा फैसला लूंगा। अपनी पार्टी खड़ी करूंगा। 

swetha