एक्शन के मूड में मान सरकार, पंचायत की जमीनों में करोड़ों के घोटाले की आशंका

punjabkesari.in Monday, Jun 13, 2022 - 12:04 PM (IST)

लुधियाना (खुराना): एक लोकप्रिय पंजाबी कहावत सच होती दिख रही है कि 'जिनां ने खाधे मुर्गे ओह ही मारनगे बांगा'  क्योंकि भगवंत मान सरकार ने उन भू-माफियाओं पर नकेल कसना शुरू कर दिया है, जिन्होंने अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्जा कर करोड़ों रुपये उड़ाए हैं। दरअसल, पूरा मामला गांव जागीरपुर में हुए करोड़ों रुपए के पंचायत भूमि घोटाले से जुड़ा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि गांव में कुल 52 किलों की पंचायत जमीन थी, जिस पर भू-माफिया कब्जा करते रहे और जमीन बेचते आ रहा है और मौजूदा समय में अभी सरकारी जमीन के केवल 8 किले बचे हैं।

गांव के पूर्व सरपंच दिलबाग सिंह गिल ने आरोप लगाया है कि यह मामला कई वर्षों से सरकारी फाइलों में लटका हुआ है लेकिन अब मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल के अनुसार भू-माफियाओं के खिलाफ जबरदस्त एक्शन लिया जा रहा है। यह कठोर कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों को उम्मीद है कि सरकार दोषियों को सलाखों के पीछे लाने में देरी नहीं करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों में भू-माफियाओं ने पंचायत भूमि के 44-45 किलों पर अवैध रूप से कब्जा करके न केवल कॉलोनियों को काट दिया बल्कि गांव से गुजरने वाले बरसाती पानी की निकासी नाले को भी बेच दिया। इस कारण सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा है।

मामले को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में गिल ने आरोप लगाया है कि गांव में सक्रिय भूमाफिया ने सोची-समझी साजिश के तहत पंचायती जमीन अपने परिवार के नाम पर अलाटमेंट करवा कर जमीन आगे बेच दी है जबकि नियमों मुताबिक पंचायती जमीन की अलाटमेंट हो ही नहीं सकती। यहां के ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और घूसखोरी की व्यवस्था इतनी शक्तिशाली है कि पिछले 15 वर्षों से उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है क्योंकि विभाग ज्यादातर भू-माफिया के रूप में सक्रिय कालोनाइजरों के हाथों में विभाग ज्यादातर बी.डी.पी.ओ. कठपुतली बनकर नाच रहे हैं, जिन्होंने न केवल अपनी जेब गर्म करने के लालच से आंखें मूंद ली हैं बल्कि सरकार को कई सैकड़ों करोड़ रुपए का चूना लगाने में भी बड़ी भूमिका निभाई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के कई सरपंच नेताओं के उकसाने पर सरकारी जमीन हड़पने के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश कर रहे हैं। अगर सरकार मामले की विजिलेंस जांच करती है तो इसमें बी.डी.पी.ओ., सरंपच, पंच व कालोनाइजरों सहित कई सियासी नेताओं की पोल खुलनी तय है जो सरकार की गोद में बैठकर सरकार की दाढ़ी नोचने का  काला नेटवर्क चला रहे हैं।

क्या कहना है बी.डी.पी.ओ. मांगट 
वर्तमान बी.डी.पी.ओ. गुरप्रीत सिंह मांगट ने दावा किया है कि विभाग की ओर से नाला की जमीन कब्जामुक्त करवाने के लिए वारंट जारी कर दिया गया है। जब उन्हें बताया गया कि इसके पहले भी दर्जनों अधिकारियों द्वारा केवल वारंट जारी किए गए हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे भू-माफियाओं का मनोबल बढ़ रहा है और करोड़ों रुपये की पंचायत की जमीन बेची जा चुकी है। जसिमें विभाग के कई बी.डी.पी.ओ. व अन्य अधिकारियों के खिलाफ मिलीभगत के गंभीर आरोप हैं। मांगट ने कहा कि वह जल्द ही इस मामले पर बड़ी कार्रवाई करेंगे। यह देखना बाकी है कि क्या मांगट सच में जमीन खाली कराने के लिए कोई कदम उठाती हैं या बाकी अधिकारियों की तरह सिर्फ खोखले दावे कर रही हैं।

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News Editor

Urmila

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