मनप्रीत बादल ने केंद्र से गेहूं-धान पर MSP जारी रखने की अपील की

punjabkesari.in Wednesday, Dec 18, 2019 - 09:35 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने केंद्र से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) पर किसानों का गेहूं और धान खरीदना जारी रखने, फसल बदलीकरण को प्रोत्साहित करने और तेजी से गिर रहे भूजल स्तर को रोकने के लिए मकई और अन्य वैकल्पिक फसलों की खरीद सुनिश्चित करने की अपील की है। बादल ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्र के वित्त मंत्रियों के साथ प्री-बजट बैठक के दौरान फसलों के अवशेष के प्रबंधन का मुद्दा भी उठाया और उन्होंने सुझाव दिया कि केन्द्र सरकार को फसलों के अवशेष के प्रबंध के लिए प्रोवीजनल कास्ट शीट में एमएसपी पर 100 रुपए प्रति क्विंटल की व्यवस्था करनी चाहिए।
 
उन्होंने बताया कि केन्द्र की ओर से सड़कें/बिजली/ सिंचाई आदि के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए राज्य को माली सहायता दी जाती है। पंजाब जैसे राज्यों ने पहले ही अपने स्रोतों से या कर्ज लेकर केंद्र की मदद के बिना ही ढांचा विकसित कर लिया है, जिसका उनको केंद्र की मौजूदा स्कीमों के कारण खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब को अपने आप बुनियादी ढांचा विकसित करने की कीमत चुकानी पड़ रही है क्योंकि बुनियादी ढांचा पहले ही मौजूद है और उसे अनुदान भी नहीं मिल रहा और ऊपर से ढांचा विकसित करने के लिए लिए कर्ज की अदायगी भी करनी पड़ रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से मौजूदा बुनियादी ढांचे को फिर से विकसित करने के लिए पंजाब को विशेष सहायता देने का आग्रह किया। 

उन्होंने राज्य में भूजल स्तर तेजी से गिरने की वजह से वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने और गांवों के तालाबों के नवीनीकरण के लिए आगामी केंद्रीय बजट में एक विशेष योजना बनाने का आग्रह किया। बादल ने कहा कि पंजाब का राष्ट्रीय अनाज भंडार में बहुत बड़ा योगदान है। पंजाब हर साल तकरीबन 120-125 लाख टन गेहूं और 105-110 लाख टन चावल का योगदान देता है। पिछले दो-तीन सालों में राज्य में अनाज की लिफ्टिंग की रफ्तार धीमी पड़ी है जिस कारण नई फसल के भंडारण के लिए जगह की कमी आ रही है। 

उन्होंने राज्य के गोदामों में अनाज की जल्द लिफ्टिंग यकीनी बनाने के लिए केंद्र सरकार के दखल की मांग की। उन्होंने केंद्र से अपील की कि राज्यों को बुनियादी ढांचे और अन्य उत्पादक प्रोजैक्टों के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए एफ.आर.बी.एम. की सीमा में ढील दे। बैठक में उन्होंने कहा कि जी.एस.टी के मुआवजे की अदायगी में केंद्र की देरी से पंजाब की माली हालत को सख्त झटका लगा है। इससे राज्य को अपने कार्य और योजनाओं को कुशल ढंग से लागू करने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने जीएसटी मुआवजे को माहवार जारी करने की मांग की जिससे राज्य अपने खर्चों को और बेहतर ढंग से योजनाबद्ध कर सके। उन्होंने कहा कि जीएसटी मुआवजे की दो महीनों बाद जारी की जाने वाली किश्त चार महीनों के बाद भी जारी न किए जाने के कारण राज्य का वित्तीय प्रबंधन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 
 

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