मनप्रीत बादल का करीबी नेता ढींडसा ग्रुप में जाने की तैयारी में, अकाली दल की बढ़ेगी परेशानी

punjabkesari.in Tuesday, Jul 21, 2020 - 09:36 PM (IST)

जालंधरः अकाली दल बादल से अलग हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींढसा अपना अलग शिरोमणि अकाली दल बना चुके हैं। इसके बाद से ही वह अकाली दल  बादल को कमजोर करने के लिए पंजाब में अपने पैर पसार रहे हैं। इसी योजना के तहत अगले कुछ दिनों में जालंधर के एक सीनियर अकाली नेता रहे व मनप्रीत बादल के बेहद करीबी माने जाने वाले सिख नेता सुखदेव सिंह ढींढसा के अकाली दल में ज्वाइन करने जा रहे हैं।

राजनीतिक हलकों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त सिख नेता किसी समय अकाली दल के  सीनियर नेता कैप्टन कंवलजीत सिंह के बेहद करीबियों में से एक थे बल्कि जालंधर में उक्त नेता को कैप्टन कंवलजीत सिंह का दांया हाथ माना जाता था। कैप्टन कंवलजीत सिंह ने उक्त नेता को एक सरकारी विभाग में सीनियर पद भी दे रखा था। कैप्टन कंवलजीत सिंह के देहांत के बाद उक्त सिख नेता मनप्रीत सिंह बादल से जुड़ गए और फिर मनप्रीत सिंह बादल के करीबियों में जाने जाने लगे। आज तक भी उन्हें मनप्रीत बादल का करीबी ही माना जाता रहा है परंतु जल्द ही उक्त नेता ढींढसा ग्रुप में दिखाई देंगे।

सूत्रों की माने तो अगले कुछ दिनों में ढीढसा द्वारा अपने जालंधर दौरे के दौरान उक्त सिख नेता को अपनी पार्टी में ऑफिशियल तौर पर शामिल किया जाएगा। उसके बाद जालंधर में यह सिख नेता ढींढसा ग्रुप का प्रतिनिधित्व करते दिखाई देंगे और अकाली दल के लिए यह  संकट पैदा कर सकते हैं।

वैसे भी अकाली दल के लिए अपनी ही पार्टी के विरोधियों ने लगातार संकट खड़े किए हैं पर जिस प्रकार से सूचना मिल रही है कि अगले कुछ महीनों में केंद्र सरकार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव करवा सकती है ऐसे में अगर ढींढसा ग्रुप जालंधर के बड़े  सिक्ख चेहरों को अपनी पार्टी में शामिल करने में कामयाब होता है तो शिरोमणि कमेटी चुनावों में अकाली दल बादल के लिए विकट स्थितियां पैदा हो सकती हैं।  देखना होगा कि आखिर उक्त सिख नेता का ढींढसा ग्रुप में जाना अकाली दल के लिए क्या नई परिस्थितियां पैदा करता है और इसका  सामना अकाली दल किस रणनीति से करता है।

Yaspal