एक-एक कर गई इस परिवार के सभी लोगों की आंखों की रौशनी

punjabkesari.in Wednesday, May 16, 2018 - 03:41 PM (IST)

मानसाः दुख के अंधेरों  में डूबा यह परिवार मानसा के ठूठिआ वाली गांव का है,जिस के एक नहीं, दो नहीं बल्कि परिवार के तीनों सदस्य अंधेपन के शिकार हो गए। दोनों भाई और उनकी बुज़ुर्ग माता, तीनों को धीरे-धीरे दिखाई देना बंद हो गया जिस उम्र में बेटे ने अपनी मां का सहारा बनना था उस उम्र में दोनों भाई खुद लोगों का हाथ पकड़ कर चलने को मजबूर हो गए।

 

एक समय था जब यह परिवार हंसता खेलता था। मेहनत मजदूरी करके अपना गुजारा करता था। माता गुरनाम कौर दाई थी और दोनों बेटे भी अपने घर का गुजारा चला रहे थे  परन्तु आज इनका जीवन इस अंधेरे कमरे में सिमट कर रह गया। कई समाज सेवीं संस्थाओं ने नर्क में रह रहे इस परिवार की मदद के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है। 

 

इसे कुदरती प्रकोप कहें या कोई नामुराद बीमारी या कुछ और। इस दुख को कोई भी नाम दें, यह दर्द कम होने वाला नहीं।  इस परिवार का यह दर्द देख कईयों की आंखें छलक जाती है। यह परिवार सरकार की मदद के इंतजार में बैठा है। जरूरत है किसी ऐसे फरिश्ते की जो इनके अंधेरे जीवन में उम्मीद की रौशनी भर सके और इनकी नर्क सी जिंदगी को सवार सके जिससे आने वाला समय वह सम्मान के साथ व्यतीत कर सकें।
 

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