शहीद गुरतेज को नम आंखों से अंतिम विदाई, हाथ जोड़कर दादी बोलीं- ''मेरा सहारा था मेरा गुरतेज''

punjabkesari.in Saturday, Jun 20, 2020 - 10:43 AM (IST)

बुढलाडा(बांसल): गलवान घाटी में चीन के हमले में अपनी मातृभूमि की रक्षा करते शहीद हुए 22 वर्षीय वीर जवान गुरतेज सिंह शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। पैतृक गांव बीरेवाला डोगरा में शहीद को अंतिम विदाई दी गई।

शहीद गुरतेज का अंतिम संस्कार खुले खेत में किया गया, जहां उनके पार्थिव शरीर को भाई और पिता ने मुखाग्नि दी। शहीद गुरतेज का पार्थिव शरीर शुक्रवार दोपहर बाद करीब 3 बजे चंडीगढ़ से गांव बीरेवाला डोगरा में पहुंचते ही पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया।

रोते-बिलखते परिवार को देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। चीफ कमांडर जे.एस. भलेरिया के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी ने शहीद को अंतिम सलामी दी। इससे पहले सेना के अधिकारियों ने शहीद जवान गुरतेज के राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे पार्थिव शरीर को उनके पिता पिरथा सिंह और भाई जगसीर सिंह को सौंपा। शहीद जवान की मां और दादी ने नम आंखों के साथ कहा कि उनका लाडला गुरतेज उनके बुढ़ापे का सहारा था। 

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