मकसूदां रोड घपला: जालंधर निगम के कई बड़े सेवामुक्त अधिकारी चण्डीगढ़ तलब

punjabkesari.in Thursday, Jul 23, 2020 - 04:17 PM (IST)

जालंधर(खुराना): पिछले लगातार 10 साल जालंधर निगम की सत्ता पर काबिज रही अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल दौरान 26 मई 2010 को अकाली-भाजपा नेता ने मकसूदां रोड पर सड़क निर्माण के काम का उद्घाटन किया था। यह सड़क ठेकेदार विनोद गुलाटी ने 3.76 करोड़ रुपए की लागत के साथ बनानी थी, जिसका काम तो शुरू हो गया परन्तु कभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। यह काम 2 साल लटकता रहा, जिसके चलते काम आधा ही हुआ, बाद में इस घपले को लेकर विरोधी पक्ष में बैठे कांग्रेस के नेताओं ने बहुत हंगामा किया।

इस दौरान कई बार विजीलैंस ऑफिस तक को घेरा गया और इस सड़क पर हुए खर्च की मांग लगातार उठती रही, जिसे अकाली-भाजपा नेताओं ने अपने प्रभाव से दबाए रखा। अब कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद जहां मकसूदां रोड घपलों की जांच का काम दोबारा विजीलैंस में शुरू किया हुआ है, वहीं यह जांच अब काफी आगे बढ़ गई है, जिसके कारण विजीलैंस अधिकारियों ने बीते दिनों जालंधर निगम के कई बड़े रिटायर्ड अधिकारियों को चण्डीगढ़ तलब किया और वहीं आई.जी. विजीलैंस के ऑफिस में इन अधिकारियों के बयान कलमबद्ध किए गए।

विजीलैंस विभाग के सूत्रों से पता चला है कि इस मामले में ठेकेदार विनोद गुलाटी के इलावा समकालीन एस.ई. कुलविन्दर सिंह, समकालीन एक्सियन गुरचरन सिंह और कुलदीप शर्मा, एस.डी.ओ. भारत भूषण और जे.ई. भल्ला को चण्डीगढ़ बुलाया गया था, जिनमें से कई अधिकारी वहां जाकर अपने बयान दर्ज करवा चुके हैं। विजीलैंस की ओर से मौके पर की गई जांच के बाद इन अधिकारियों को चण्डीगढ़ बुलाना यह संकेत दे रहा है कि मामले की जांच का काम तेजी से जारी है।

जिक्रयोग्य है कि पिछले दिनों आई.जी. विजीलैंस ऑफिस ने इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता काउंसलर देसराज जस्सल को भी चण्डीगढ़ तलब किया, जहां उनके बयान लिए गए थे। काउंसलर जस्सल का दावा है कि इस सड़क पर काम अधूरा छोड़ दिया गया, जबकि इसकी पूरी पेमेंट ठेकेदार को कर दी गई, जिसमें नगर निगम के बड़े अधिकारी और राजनेता तक जिम्मेदार थे।

 

 


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Edited By

Sunita sarangal

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