गरीबी में जीने को मजबूर शहीद का परिवार, अपने बलिदान के लिए राष्ट्रपति से प्राप्त किया था अशोक चक्र

punjabkesari.in Wednesday, Aug 19, 2020 - 07:08 PM (IST)

बुढलाडा (बांसल): नागालैंड आतंकवादी के खिलाफ लड़ाई लड़ते शहीद होने उपरांत राष्ट्रपति की तरफ से दिए गए अशोक चक्र प्राप्त करने वाले शहीद जोगिन्द्र सिंह का परिवार आज आर्थिक तंगी के कारण गरीबी के साथ लड़ रहा है। 1956 में दो सिक्ख रेजीमेंट का हवलदार जोगिन्द्र सिंह की शहादत के बाद उस समय के राष्ट्रपति डा राजिन्दर प्रसाद की तरफ से परिवार को अशोका चक्र प्रदान किया। 

पंजाब में 2006 में कैप्टन उस समय के समकालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उस समय ऐलान किया था कि परिवार को एक सरकारी नौकरी, पाँच लाख रुपए की माली मदद और शहीद के नाम और खेल स्टेडियम के निर्माण के लिए 40 लाख रुपए देंगे परन्तु मुख्यमंत्री की तरफ से किया गया वायदा पूरा न हुआ और परिवार 15 अगस्त को शहीद जोगिन्द्र सिंह के जन्मदिन के मौके पर परिवार के भतीजे और पोतियाँ की तरफ से पंजाब सरकार को 2006 में किया गया वायदा पूरा करने के लिए शहीद की याद में स्थापित की गई प्रतिमा के बाहर प्रण लिया कि हमारे दादा को प्राप्त अशोक चक्र वापस किया जाये और हम परिवार के साथ किया वायदा पूरा किया जाये, नहीं तो समूचे परिवार समेत धरना देने के लिए मजबूर होंगे।

इस संबंधी सारा मामला ज़िला कांग्रेस समिति की प्रधान डा. मनोज मंजू बांसल और पूर्व विधायक मंगत राय बांसल की तरफ से झंडा लहराने आए कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत कांगड़ के ध्यान में लाया तो उन्होंने तत्काल तौर पर पूर्व विधायक मंगत राय बांसल को हिदायत की कि वह परिवार के साथ संपर्क करे जिससे वह सारा मामला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ध्यान में ले जा सकें, जिस पर डा. मनोज मंजू बांसल की तरफ से बुज़ुर्ग कांग्रेसी नेता बोघ सिंह को साथ लेकर शहीद हवलदार जोगिन्द्र सिंह के घर पहुँचे और उनसे माँग पत्र प्राप्त किया। 

इस मौके पर शहीद हवलदार के जन्मदिन के मौके पर श्रद्धांजलि भेंट की और परिवार को भरोसा दिया कि उनकी बात मुख्यमंत्री से की जाएगी। इस मौके पर गाँव के सरपंच रणजीत सिंह, मार्केट समिति के चेयरमैन खेम सिंह जटाना, ब्लाक कांग्रेस समिति के प्रधान तीर्थ सिंह सवीटी, गुरिन्दर मोहन व्यापार मंडल नेता, पंच अवतार सिंह, अमरीक सिंह, सुखमन्दर सिंह, संतोख सिंह, प्रधान दिलप्रीत सिंह, हरजीत सिंह, कुलविन्दर सिंह आदि उपस्थित थे।

Tania pathak