क्या है सुखबीर बादल की 'लाल डायरी' का राज़?

punjabkesari.in Monday, Feb 26, 2018 - 05:06 PM (IST)

गुरुहरसहाय (फिरोजपुर): लाल डायरी,आखिर क्या है सुखबीर की लाल डायरी में क्योंकि हर रैली में वह लाल डायरी को जरूर दिखाते हैं। दरअसल अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल के नेतृत्व में पार्टी कांग्रेस के खिलाफ पोल-खोल रैलियां कर रहा है। इस दौरान हर बार सुखबीर अपनी लाल डायरी दिखाते हैं जिसपर सभी के मन में सवाल उठता है कि इस डायरी में आखिर है क्या।


शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को कहा पंजाबियों का कांग्रेस सरकार से विश्वास खत्म हो चुका है। कांग्रेस सरकार से हर वर्ग दुखी है। सरकार अकाली दल के वर्करों व नेताओं पर झूठे पर्चे दर्ज करा रही है और अकाली-भाजपा नेताओं पर जानलेवा हमले हो रहे हैं। वह कांग्रेस और पुलिस अधिकारियों की धक्केशाही लाल रंग की डायरी में दर्ज कर रहे हैं। समय आने पर पूरा हिसाब लिया जाएगा। सुखबीर गुरुहरसहाए में आयोजित पोल खोल रैली को संबोधित कर रहे थे। 

 

सुखबीर ने कहा कि लोक विरोधी फैसलों को लेकर आए दिन लोग मौजूदा सरकार में पुतले फूंक रहे है। अकाली दल ने शुरू की सभी स्कीमें कैप्टन सरकार ने बंद कर दी है। बुढ़ापा पेंशन, आटा-दाल स्कीम, शगुन स्कीम, एस.सी.बीसी वर्ग को स्कालरशिप मिलती थी, उसे भी बंद कर दिया है। यह सरकार लोगों की नहीं लूटपाट और पर्चों की सरकार है। हर क्षेत्र में रेत के खदानों पर कब्जा किया गया है। कांग्रेस वर्करों और नेताओं नेसरकार बनते ही बदले की भावना से अकाली दल के कार्यकर्ताओं पर जान लेवा हमले शुरू कर दिए हैं। 

 

उन्होंने कहा गुरुहरसहाय के विनय बजाज पर कातिलाना हमला कराया गया है, जिसके शरीर पर करीब 12 फैक्चर और 70 के करीब टांके लगे हैं। बादल ने कहा कि अब मैंने लाल रंग की डायरी बनाई है। इस डायरी में हर हल्के में हो रहे पुलिस प्रशासन और कांग्रेस की धक्केशाही का रिकार्ड दर्ज किया जा रहा है। सरकार आने पर इनका हिसाब किया जाएगा। उन्होंने कहा की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले कैप्टन ने श्री गुटका साहिब हाथ में पकड़ कर शपथ ली थी की सत्ता में आने पर वह किसानों व मजदूरों का कर्जा माफ करेंगे, नौजवानों को मोबाइल देंगे, घर-घर नौकरी देंगे। अभी तक एक भी वादा पूरा नहीं किया। उल्टा खेतों में लगी मोटरों पर बिल लगा रहे है। कांग्रेस सरकार ने 800 स्कूल और सेवा केंद्र बंद कर दिए हैं।


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