सुर सागर-संगीत का संगम

punjabkesari.in Friday, Aug 21, 2020 - 04:26 PM (IST)

भारत की धरती पर सबसे बड़ा लोकतंत्र अपनी आज़ादी के 74वें साल में दाख़िल हो चुका है। भारत के समूचे विकास की गाथा अब तक की उपलब्धियों से भरी हुई है, जो इसे उत्साहित नागरिकों द्वारा चलाए गए विकास कार्यों के लिए इसकी होंद को दर्शाती है। संस्कृति और विभिन्नता की विरासत सचमुच भारत की लोकतंत्रीय भावना को परिभाषित  करती है।

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भारत और आस्ट्रेलिया दोनों के पास अमीर, विभिन्न और सुरीले संगीत की बहुत बड़ी विरासत है और जब इकट्ठा पेश किया जाता है तो यह प्रशांत के साथ हिंद महासागर के संगम के समान लगता है। हालांकि विश्व कोविड 19 की महामारी से जूझ रहा है। इसने इन्फर्मेशन टेक्नॉलॉजी इंटरफेस की मदद से समुद्रों में संगीतक दोस्ती द्वारा इकठ्ठा होने के लिए प्रेरित किया। दोस्ती की इसी भावना के साथ भारत और आस्ट्रेलिया के महान संगीत कलाकार इकठ्ठा हो एकसुरता का एक संगम बनाया गया, जो लोकतंत्र के भाव और मित्रता की गहराई को दिखाता है जो शब्दों द्वारा पूरी तरह व्यक्त किया गया है। यह शानदार नई रचना देश राग द्वारा प्रेरित है - एक रिवायती हिंदुस्तानी संगीत विधि जो भारत के राष्ट्रीय गीत-वन्दे मातरम सहित भारत के अलग -अलग गीतों को सजाती है। इस रचना का शीर्षक सूरसागर - संगीत का संगम है। इस रचना का सन्नयौजन तबला मास्टर पंडित. योगेश समसी (भारत) और प्रसिद्ध कलाकार श्री क्रिस फील्डस (आस्ट्रेलिया) ने स्वामी विवेकानंद कल्चरल सैंटर, भारत के प्रधान कौसलावास, सिडनी के सहयोग के साथ किया।

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इस दोस्ताना परस्पर प्रभाव को भारतीय और आस्ट्रेलियाई संगीत के महान कलाकारों द्वारा शानदार रूप में व्यक्त किया गया है। जिस में संगीत के प्रमुख पंडित. राकेश चौरसिया (भारत के बांसुरी वादक), श्री क्रिस फील्डस (आस्ट्रेलिया से प्रसिद्ध परकारसियन और ड्रम्मर), श्री यूरबयान चटर्जी (भारतीय सितार मास्टर), श्री स्टुअर्ट वैंडरग्राफ (अल्टो सेक्सोफोन, आस्ट्रेलिया से मल्टी -इंस्ट्रूमैंटल कलाकार और संगीत निर्देशक), तबला मास्टर पंडित. योगेश समसी (भारत) और श्री माइकल गालियाज़ी (आस्ट्रेलिया से एक अंतरराष्ट्रीय बासिस्ट और संगीत निर्देशक) हैं।

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यह नई बनाई संगीतक वीडियो 13 अगस्त, 2020 को भारतीय स्वतंत्रता के मौके पर श्री जूलियन लीज़र संसद मैंबर (आस्ट्रेलिया), सिडनी में भारत के प्रधान कौंसिल, श्री मनीश गुप्ता और श्री रामानन्द गरगे निर्देशक, स्वामी विवेकानन्द सांस्कृतिक केंद्र सिडनी (आस्ट्रेलिया) द्वारा जारी की गई। भारत के प्रधान कौंसलावास, सिडनी के सोसल मीडिया प्लेटफार्म के द्वारा इसकी सुंदरता को सुनने और समझने के लिए रचना का अनुभव करे !!


 


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