विधायक सुशील रिंकू ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रभावशाली ढंग से उठाए दलितों के कई मुद्दे

punjabkesari.in Thursday, Aug 15, 2019 - 08:36 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ संत व साधु संप्रदाय समाज से संबंधित विभिन्न सोसायटियों की मीटिंग के आयोजन में वैस्ट विधानसभा हलका के विधायक सुशील रिंकू ने बड़ी भूमिका अदा की। दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में गुरु रविदास मंदिर को गिराए जाने के बाद पंजाब में हुए रोष प्रदर्शनों को लेकर मुख्यमंत्री दलित समाज में पनपे रोष को शांत करने के लिए पी.ए.पी. की जी.ओ. मैस में पहुंचे थे। मीटिंग के दौरान विधायक रिंकू गुरु रविदास मंदिर सहित दलितों से संबंधित अनेकों मसले कैप्टन अमरेन्द्र के ध्यान में लाए। 

पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका करेगी दायर: रिंकू
विधायक रिंकू ने बताया कि इस दौरान संत समाज की मांग पर उन्होंने कैप्टन अमरेन्द्र से कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट में मंदिर की जमीन के केस का डबल बैंच ने निर्णय सुनाया था। पंजाब सरकार इस केस की अपील फुल बैंच में करे और इस केस की ठोस पैरवी की जाए ताकि दलित विरोधी इस फैसले में सम्पूर्ण पक्ष रखकर इस फैसले को रिव्यू करवाया जा सके। मुख्यमंत्री ने इस बात पर सहमति जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार अगर कोई रास्ता नहीं निकाल पाई तो पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका दायर करेगी। विधायक रिंकू ने इसके अलावा वियना कांड के दौरान हुई ङ्क्षहसा को लेकर दलित वर्ग पर दर्ज किए पुलिस केसों का मामला भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। इन केसों में ऐसे लोग भी शामिल कर लिए गए जोकि बेकसूर थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि कुछ केसों की री-इंवैस्टिगेशन में आरोपी बेकसूर भी पाए गए परंतु उनके खिलाफ दर्ज मामले आज तक खारिज नहीं किए गए।

विधायक रिंकू ने संविधान के 85वें संशोधन का मामला भी उठाया
विधायक रिंकू ने कै. अमरेन्द्र को बताया कि पूर्व जस्टिस के नेतृत्व में सरकार ने बाली कमिशन का गठन किया था जिसने हिंसा के दौरान हुए नुक्सान का आकलन करके अपनी रिपोर्ट सबमिट नहीं की। इसके अलावा विधायक रिंकू ने संविधान के 85वें संशोधन का मामला भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। संशोधन के लागू न होने से राज्यभर में दलित अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रोमोशन पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। विधायक रिंकू ने बताया कि पंजाब की पूर्व कांग्रेस सरकार ने 2005 में संशोधन को विधानसभा में पास किया था परंतु इसे लागू नहीं किए जाने पर वर्ष 2018 में संशोधन में अमैंडमैंट की थी इसके बावजूद 85वां संशोधन लागू न होने के कारण दलित समाज अपने हकों से वंचित रह रहा है। कै. अमरेन्द्र ने अपने प्रिंसीपल सैक्रेटरी गुरकीत इकबाल को उनके आर्डर सभी विभागों को भेजने के निर्देश देते हुए दलित समुदाय की इस बड़ी मांग को भी मान लिया। 

दलित शिक्षा कर्मचारी रजनी के मिस कैरेज का उठाया मुद्दा
विधायक रिंकू ने बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान स्थानीय भार्गव कैंप में पुलिस द्वारा की गई धक्केशाही के चलते दलित शिक्षा कर्मचारी रजनी के मिस कैरेज का मामला भी रखा। उन्होंने कहा कि इस दर्दनाक घटना के बाद खुद कै. अमरेन्द्र रजनी के घर गए थे परंतु आज तक रजनी को इन्साफ नहीं मिला। विधायक रिंकू ने कै. अमरेन्द्र सिंह से मांग की कि पीड़ित कर्मचारी को सरकार की तरफ से हरेक बनती सहायता दी जाए। विधायक रिंकू के दलित हितों के तेवर देखते हुए साधु संप्रदाय सोसाइटी के प्रधान संत कुलवंत राय, उपाध्यक्ष संत गुरदीप गिरि पठानकोट वालों ने कै. अमरेन्द्र के समक्ष उनकी जमकर प्रशंसा की। संत समाज ने कहा कि विधायक रिंकू ही एक ऐसे दलित नेता हैं जोकि दलितों की हर दुख-तकलीफ में डटकर उनके साथ खड़े होते हैं। इस दौरान उपस्थित संत समाज ने कहा कि मंदिर तोडऩे की निंदनीय घटना के रोष स्वरूप पहले दिन लगे धरने में भी विधायक रिंकू पार्टीबाजी से उठकर बीच सड़क पर बैठे। उन्होंने कहा कि विगत दिवस पंजाब बंद की कॉल के दौरान भी उन्होंने जालंधर के कई इलाकों में धरनों की अगुवाई करते हुए दलित समाज का हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र ने विधायक रिंकू की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए उनकी पीठ थपथपाई और दलित हितों के कार्यों को यूं ही निरंतर जारी रखने को प्रेरित किया।

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