अगर आपके बच्चे को भी है Smart Phone की लत तो अमृतसर में होगा इसका इलाज

punjabkesari.in Friday, Jul 12, 2019 - 03:56 PM (IST)

अमृतसर (सुमित खन्ना): नशे की तरह मोबाइल आज हर किसी के लिए  एडिक्शन बन गया है। मोबाइल एक ऐसा नशा है जो व्यक्ति को मदहोश तो नहीं करता लेकिन उसके सोचने समझने की शक्ति को जरूर बिगाड़ देता है। इसका शिकार कोई एक वर्ग नहीं, बल्कि युवा, बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं सभी हैं। 



अमृतसर में खुला मोबाइल नशा मुक्ति केंद्र
मोबाइल के इस कद्र प्रयोग को देखकर लगता था कि एक दिन मोबाइल की आदत से छुटकारा पाने के लिए 'मोबाइल डी-एडिक्शन ट्रीटमेंट' सैंटर खोलने पड़ेंगे। आज यह बात सच साबित हो चुकी है, अमृतसर में पंजाब का पहला  'मोबाइल डी-एडिक्शन सैंटर' खुल गया, जहां दर्जन से अधिक माता-पिता अपने बच्चों की काउंसलिंग करवा रहे हैं जिससे मोबाइल, इंटरनेट और 'पब जी' जैसी गेम्स से उन्हें दूर किया जा सके।

अस्पताल के बनाई गई मनोचिकित्सकों की टीम
डाक्टर मुताबिक मोबाइल की लत से बच्चों की नज़र, सोचने -समझने की शक्ति पर तो प्रभाव पड़ता ही है, साथ ही साथ उनमें नैतिकता भी कम होती है। जिस कद्र बच्चे आनलाइन खेलों में फंस कर अपनी ज़िंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। अस्पताल के मनोचिकित्सक ने बताया कि 7 चिकित्सकों की एक टीम बनाई गई है, जिसमें मनोचिकित्सक, 2 फार्मासिस्ट और 3 काउंसलर पीड़ित परिवार के लोगों से बातचीत कर पूरी जानकारी लेंगे तांकि उसी आधार पर उसका इलाज किया जा सके। 

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