दलितों के पक्ष में उतरे जाखड़,मोदी को लिया आड़े हाथ

punjabkesari.in Monday, Apr 02, 2018 - 05:05 PM (IST)

चंडीगढ़  (वार्ता) : पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ की अगुवाई में आज पार्टी का एक प्रतिनिधमंडल राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से मिला तथा उन्हें एक ज्ञापन देकर एससी एसटी अधिनियम की मूल भावनाओं को कमजोर करने की केंद्र सरकार की कोशिशों को रोकने की मांग की गई।  प्रतिनिधिमंडल में श्री जाखड़ के अलावा कैबिनेट मंत्री तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा, साधू सिंह धर्मसोत, अरुणा चौधरी, एससी सैल के चेयरमैन एवं विधायक राजकुमार चब्बेबाल,नवतेज सिंह चीमा,  बलबीर सिंह सिधु, परगट सिंह, राजकुमार वेरका भी शामिल थे। 

 

उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि उनकी यह अपील राष्ट्रपति तक पहुंचाई जाए। राजभवन से बाहर श्री जाखड़ ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने जानबूझ कर एससी एसटी अधिनियम को लेकर उचित तरीके से उच्चतम न्यायालय में पैरवी नहीं की । यदि राजग सरकार जोरदार तरीके से इस केस में अपना पक्ष रखती तो ऐसा नहीं होता ।केंद्र सरकार ने जानबूझ कर इस केस की पैरवी के लिए अटार्नी जनरल को अदालत में भेजने की बजाय जूनियर ला अधिकारी को भेजा जो एससी समुदाय का पक्ष सही तरीके से नहीं रख सके जिस कारण मूल कानून के विपरीत फैसला आया है।  

 

जाखड़ ने कहा कि इससे केंद्र सरकार का एससी एसटी विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। पिछले चार वर्षों में मोदी सरकार जानबूझ कर ऐसा करती रही है कि समाज के कमजोर वर्गों को परेशान किया जा सके। किसी भी लोकतांत्रिक सरकार की मूलभूत जिम्मेदारी होती है कि वह कमजोर और पिछड़े वर्गों के हितों की रक्षा करें लेकिन मोदी सरकार कमजोर वर्गों के विरुद्ध खड़ी दिखाई दी है। उन्होंने समाज के सभी कमजोर वर्गों को विश्वास दिलाया कि कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी हैं। एससीएसटी बच्चों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार कोई अवसर नहीं छोड़ती जब एससी समुदाय के हितों की अवहेलना की जा सकती हो। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने एससीएसटी बच्चों के लिए पोस्ट मॅट्रिक वजीफा योजना के लिए इस वर्ष के बजट में पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत की कटौती करके एससी समुदाय संबंधी अपनी नीति और नीयत देश की जनता के सामने रख दी है। 
 

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