कृषि ऑर्डिनैंसों के बाद अब मोदी सरकार ने की बिजली कंपनियों के निजीकरण की तैयारी
punjabkesari.in Friday, Sep 25, 2020 - 09:43 AM (IST)
चंडीगढ़/पटियाला(परमीत): कृषि ऑर्डिनैंसों के संसद में पास होने के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार ने देश की बिजली कंपनियों के निजीकरण की तैयारी कर ली है। इसके लिए केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने बोली दस्तावेजों पर 5 अक्तूबर तक स्टेकहोल्डरों से ऐतराज मांगे हैं।
बिजली मंत्रालय ने एक ट्वीट द्वारा इसकी जानकारी सांझा की व बोली दस्तावेजों बारे जानकारी दी है। प्रस्ताव के अनुसार हर प्रदेश को अपने-अपने मुख्य सचिव के अधीन एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करने के लिए कहा गया है जिसके चेयरमैन मुख्य सचिव होंगे, वित्त सचिव इसके मैंबर, बिजली सचिव कन्वीनर व एक मैंबर और राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा अपनी मर्जी के अनुसार पाया जाएगा। प्राप्त हुई बोलियों के लिए तकनीकी मूल्यांकन कमेटी बनाई जाएगी। 2 तरीके का प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसके अनुसार पहली योजना के तहत निवेशक 100 प्रतिशत पूंजीनिवेश करेगा व सरकार की कोई हिस्सेदारी नहीं होगी, दूसरे में निवेश की 74 प्रतिशत व सरकार की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। बिजली कंपनियों में काम करते कर्मचारियों के रैंक, वेतन, भत्ते आदि की रिपोर्ट बनाकर कर्मचारी प्राइवेट कंपनियों को ट्रांसफर किए जाएंगे।
बोली दस्तावेजों में दोनों तरीके की व्यवस्था के सारे विवरण विस्तार में दिए गए हैं। पंजाब के लिए बिजली कंपनियों का निजीकरण बहुत घातक साबित हो सकता है। पहले ही खेतीबाड़ी बिलों के विरुद्ध जूझ रहे किसान के लिए यह दोहरी मार कही जा सकती है। अभी तक पंजाब सरकार द्वारा इस बारे कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई।
बिजली कंपनियों के निजीकरण का सबसे अधिक असर आम लोगों पर पड़ेगा
बिजली कंपनियों के निजीकरण का सबसे अधिक असर आम लोगों पर पड़ेगा। बिजली दरें महंगी होनी तय हैं, जबकि इसका असर किसानों पर भी पड़ सकता है। पंजाब सरकार चाहे सबसिडियों के लिए मौजूदा बिजली कंपनी पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटिड (पावरकॉम) को भुगतान करती है पर अक्सर डिफाल्टर रहती है व समय पर भुगतान नहीं करती। ऐसे में प्राइवेट कंपनी द्वारा भुगतान में देरी होने पर क्या रूख अपनाया जाएगा, यह समय बता सकता है।
पैंशनों बारे स्थिति स्पष्ट नहीं
प्रस्ताव में पैंशनों बारे स्थिति स्पष्ट नहीं है कि कर्मचारी जो सेवामुक्त होने वाले हैं या होंगे तो फिर पैंशन की क्या स्थिति रहेगी। इसमें चाहे यह स्पष्ट है कि सभी कर्मचारियों का मूल्यांकन उनके रूतबे व वेतन के अनुसार करके यह ट्रांसफर किए जाएंगे पर यह स्पष्ट नहीं कि पैंशन कौन देगा?