स्वच्छ भारत अभियान में मोगा राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम

punjabkesari.in Tuesday, Dec 31, 2019 - 04:24 PM (IST)

मोगा(संजीव गुप्ता): मोगा जिले के ग्रामीण क्षेत्र को स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत मोगा ने ओ.डी.एफ (ओपन डिफेकेशन फ्री) आई.ई.सी (इंफॉर्मेशन एजुकेशन कम्युनिकेशन एंड कैपेसिटी यानी सूचना शिक्षा संयुक्त स्तर तथा क्षमता निर्माण) एस.एल.डब्ल्यू.एम (ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन) के तीन मापदंडों पर 100 में से 99.83 अंक प्राप्त किए हैं। मोगा ने देश के सात अन्य जिलों में से पहला स्थान प्राप्त किया।

राष्ट्रीय स्तर पर इस वर्ष सर्वेक्षण सभी 698 जिलों और 17475 गांवों में किया गया था। देश भर में  34 राज्यों में पंचायतों, आंगनवाड़ियों, बाजारों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित 87000 सार्वजनिक स्थानों पर 45 दिनों से अधिक समय तक क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया। लोगों से मिले फीडबैक, स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा अवलोकन परिणामों आदि के आधार पर रैंक आवंटित की गई थी। मोहाली जिले के ग्रामीण क्षेत्र को राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी रैंक मिली, इसके बाद फतेहगढ़ साहिब (48 वां), बरनाला (145), तरनतारन (199) और  लुधियाना (210) को कुल 45.82 स्कोर  मिले, फरीदकोट जिले के ग्रामीण क्षेत्र को 231वें और पटियाला को 238वें राष्ट्रीय रैंक पर रखा गया।

राज्य में सबसे खराब प्रदर्शन 25.41 स्कोर के साथ 576वें स्थान पर रहा, जो पठानकोट था। राष्ट्रीय स्तर पर मुक्तसर जिला (547), गुरुदासपुर (529), सगरुर(518), फिरोजपुर (510), अमृतसर (471), बठिंडा (437) और होशियारपुर 433वें स्थान पर रहे। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में मानसा व फाजिल्का को 399 तथा चार सौ अट्ठारह अंक प्राप्त हुए। 

प्रदर्शन की गणना तीन मापदंडों के आधार पर की गई थी: 
ओ.डी.एफ. (ओपन डिफेकेशन फ्री घोषणा)- 60% वेटेज
आई.ई.सी. (सूचना शिक्षा संयुक्त स्तर व क्षमता निर्माण)- 20% वेटेज 
एस.एल.डब्ल्यू.एम.  (ठोस तथा तरल अपशिष्ट प्रबंधन)- 20% वेटेज
 
एक गांव में सामुदायिक शौचालयों के आधार पर स्कोर को तौला गया, गांवों में स्वच्छता के बारे में नकारात्मक शौचालयों, सामुदायिक गड्ढों,  सूखे गड्ढों और सूचनात्मक और शिक्षाप्रद संदेश के लिए नकारात्मक अंक लिए हैं। इस संबंध में ए.डी.सी. सुभाष चंद्रा वाह कमिश्नर नगर निगम अनिता जोशी ने कहा कि हमने सभी तीन मापदंडों पर 100% अंक प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालय, सामुदायिक खाद और गड्ढों को सोखने के अलावा, शौचालयों के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने और स्वच्छता बनाए रखने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक सर्वेक्षण नहीं था बल्कि खुले में शौच मुक्त गांवों की अवधारणा से परे, व्यवहार परिवर्तन को प्रोत्साहित करने और स्वच्छताज को माध्यमिक स्तर तक ले जाने का अवसर था। स्वच्छ सवेक्षण ग्रामीण- 2019 एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण था जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान की प्रगति की समीक्षा करता है।

Edited By

Sunita sarangal