Moga Murder: डिप्रैशन से दिल और दिमाग में हो रहे थे धमाके, परिवार के 5 लोगों को मार दी गोली

punjabkesari.in Monday, Aug 05, 2019 - 11:41 AM (IST)

मोगाः मोगा के गांव नत्थूवाला गरबी में युवक द्वारा अपने परिवार के 5 सदस्यों की हत्या कर खुदकुशी करने के मामले में सभी को हिलाकर रख दिया था। 'पंजाब केसरी' के हाथ घटना को अंजाम देने वाले युवक संदीप सिंह का 17 पेजों का सुसाइड नोट मिला है,जिसे उसने लाल स्याही के साथ लिखा है। सुसाइड नोट से पता लगा है कि वह वहम-भ्रमों के चलते डिप्रेशन का शिकार हो गया था। उसकी मर्दाना कमजोरी कहीं न कहीं इस घटना कोअंजाम देने के लिए काफी थी। संदीप ने कुछ इस तरह अपने दिल के दर्द को सुसाइड नोट
में बयां किया है-

'सब मेरे कहने से बाहर चल रहे थे सुख तो पास ही था, परन्तु उसे प्राप्त नहीं कर सकता था। एक अंदर डर था कि जिसने मुझे इतना डरा दिया कि मैं डिप्रेशन का शिकार हो गया। डिप्रेशन इतना बढ़ गया था कि मेरे दिमाग और दिल में धमाके हो रहे थे। आज एक बड़ा धमाका हुआ, जिसने सारा घर ही उड़ा गया। परन्तु इस में मेरा कोई भी कसूर नहीं। ईश्वर ने मार मुझे अगर विवाह न कराता तो लोगों ने नहीं छोड़ना था, घर वालों ने भी उसकी शादी करने के लिए पैदा किया था। परन्तु उस दर्द के बारे में मुझे ही पता था कि जो मैंलेकर जी रहा था। यह सारी घटना मेरी चुप्पी और डर के कारण घटित हुई। मैं अपने आपको हर उस शख्स का दोषी समझता हूँ, जो मेरे साथ जुड़ा हुआ था। सबसे बड़ा दोषी मैं अपनी बहन का हूं, जो कनाडा बैठी है, जिसे मैं इतना बड़ा दुख देकर जा रहा हूं। जो आज के बाद नत्थूवाला के नाम से कांपेगी। उसके पीछे मैंने किसी को नहीं छोड़ा, जिसके  गले लगकर वह अपना मन हलका कर सके। मैंने अपने घर के सारे लोग इसलिए मारे हैंक्योंकि उनसे भी दर्द सहने नहीं होना था। घर में 2 बुजुर्ग पहले ही से थे। इस दर्द के साथ माता-पिता से भी उठा नहीं जाना था।

मैं उनको जीते जी नहीं मार सकता था। मैंने अपनी बहन और भांजी को इस कारण मारा क्योंकि वह उनके सहारे थी। उसका पति  अच्छा इंसान है, परन्तु वह नशे की गिरफ्त में है। इस कारण उसकी बहन पहले से ही इतनी दुखी रहती थी और अगर वह हादसा देख लेती तो उसने पागल ही हो जाना था।मेरी छोटी प्यारी भांजी का क्या बनता? सभी की जिंदगी के तार उसके ही जुड़े थे। इसलिए मैं किसी को दुखी नहीं करना चाहता था। मैं अपनी कनाडा वाली बहन का भी दोषी हूं।बहना मैं क्या करता जिंदगी की जंग मैं हार चुका था। बुजुर्गों से सुनीं बात के अनुसारकिसी पीर-फकीर से हमें श्राप मिला है। दादा जी ने बताया था कि बुर्ज वाला खेत में बहुत पहुंचा साधू रहता था। जब से वह जमीन उनके हिस्से आई,तब से कुछ ठीक नहीं रहा था इस कारण दादा जी ने मेरे जन्म से पहले वह जमीन बेच दी थी। मुझे 100 प्रतिशत बात पक्का लगता है कि वहीं श्राप हमें बर्बाद कर गया। 

संदीप ने लिखा है कि मैं यह बात सारी दुनिया को बतानी चाहता हूं कि जो वयक्ति शादी नहीं करवाता उसके पीछे राज होता है। उनकी अपनी भावनाएं होती हैं। जरूरी नहीं कि हरशख्स विवाह के लिए परफेक्ट हो।  इस सभी घटना के लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं। यह रिवाल्वर मैं अपने खासरिश्तेदारी में से बड़ी चालाकी से चोरी करके लेकर आया था। यह रिवाल्वर अमनदीप सिंह का है, जो मेरे सगे भाईयों से भी बढ़कर और विचोला भी है। मेरी मजबूरी यह थी कि मेरी अपनी बंदूक जमा थी। मेरी पुलिस प्रशासन से विनती है कि वह निर्दोष हैं, उसने हमारे घर के भले के लिए रिश्ता करवाया था। उसको और न ही मेरे घर वालों को मेरे दिमाग में क्या चल रहे है के बारे में पता था ।      

 

swetha