बड़ा अफसर बनने की चाहत थी शहादत का जाम पीने वाले कर्मजीत सिंह की

punjabkesari.in Tuesday, Mar 19, 2019 - 10:57 AM (IST)

मोगा/कोटईसे खां(गोपी राऊके/गांधी/ग्रोवर/संजीव/ छाबड़ा): जम्मू-कश्मीर के सुंदरबानी सैक्टर में पाकिस्तान द्वारा की गई गोलीबारी में पंजाब के मोगा जिले के गांव जनेर का 24 वर्षीय फौजी जवान कर्मजीत सिंह भर जवानी में शहादत का जाम पी गया। सोमवार सुबह 10.30 बजे जैसे ही पारिवारिक सदस्यों को यह खबर मिली, तो चारों तरफ एकदम सन्नाटा छा गया। 2 भाइयों व एक बहन से छोटे कर्मजीत सिंह को शुरू से ही देश की सेवा करने का जज्बा था। इसके चलते ही कर्मजीत सिंह 4 वर्ष पहले भारतीय फौज में भर्ती होकर देश की सच्ची सेवा करने लग गया। यह फौजी जवान देश की सेवा करता हुआ और मेहनत करके बड़ा अफसर बनना चाहता था, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। वह अपनी सारी इच्छाओं की पूर्ति करने पर देश की और सेवा करने से पहले ही सदा की नींद सो गया। दूसरी तरफ, पाकिस्तान द्वारा लगातार की जा रही नापाक कार्रवाइयों के कारण लोगों का पाकिस्तान के विरुद्ध दोबारा गुस्सा फूट रहा है।

पिता को बेटे की शहीदी पर गर्व
शहीद कर्मजीत सिंह के पिता अवतार सिंह, माता कुलवंत कौर व भाई स्वर्णजीत सिंह सहित समूचे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता अवतार सिंह को अपने बेटे की शहीदी पर गर्व है। उन्होंने इसके साथ ही भरे मन से पाकिस्तान के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग भी सरकार से की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ऐसे घटिया मंसूबों से बाज नहीं आ रहा। इस दौरान एस.डी.एम. धर्मकोट नरेन्द्र सिंह ने आकर परिवार के साथ दुख सांझा किया।

पिता, ताया व फूफा भी कर चुके हैं भारतीय फौज में सेवा
गांव जनेर के इस परिवार में देश भक्ति का बेहद जज्बा है। शहीद कर्मजीत सिंह के पिता अवतार सिंह, ताया दिलबाग सिंह व फूफा रूपिन्द्र सिंह भी भारतीय फौज में सेवा करके सेवामुक्त हुए हैं। एकत्रित की जानकारी के अनुसार बचपन उपरांत कर्मजीत सिंह ने होश संभाली, तो यह अपने पापा व ताया की फौजी वॢदयों वाली फोटोज देखकर यह कहता था कि वह भी भारतीय फौज में भर्ती होकर देश की सेवा करेगा। इसके उपरांत कर्मजीत सिंह सचमुच ही देश की सेवा करने के लिए भारतीय फौज में भर्ती हो गया।

उदास हैं गांव जनेर की गलियां
गांव जनेर की समूची गलियों में शहीद की खबर उपरांत उदासी छाई हुई है। गांव में हर तरफ गमगीन माहौल है। गांव की चौपालों में सन्नाटा पसरा हुआ है। चौपालों में बैठे लोग गांव के नौजवान की शहीदी पर गर्व महसूस करने के साथ-साथ इस चिंता में भी डूबे हुए हैं कि आखिरकार कब तक सरहद पर भारतीय फौज जवान शहीद होते रहेंगे।

3 दिन बाद आना था छुट्टी पर
शहीद कर्मजीत सिंह की गत रात्रि चचेरे भाई हैप्पी के साथ साढ़े 10 बजे फोन पर बातचीत हुई। उसके अनुसार कर्मजीत ने बताया कि वह 3 दिन बाद 20 मार्च को छुट्टी पर आ रहा है। इस कारण उन दोनों ने इस छुट्टी दौरान करने वाले कार्यों की योजनाबंदी भी बनाई, लेकिन यह पता नहीं था कि वह छुट्टी होने से पहले ही शहीदी जाम पी जाएगा।

Anjna