एक लाख से अधिक Students चाहते हैं कैंसिल हों बोर्ड एग्जाम, सोशल मीडिया पर कर रहे अनुरोध

punjabkesari.in Friday, Apr 09, 2021 - 10:49 AM (IST)

लुधियाना (विक्की): पिछले साल की तरह इस वर्ष भी कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है जिसको देखते हुए 10वीं और 12वीं कक्षा के 1 लाख से अधिक छात्रों ने याचिकाओं पर हस्ताक्षर कर सरकार से मई में होने वाली बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने या उन्हें ऑनलाइन कराने का अनुरोध किया है। पिछले 2 दिनों से टि्वटर पर #cancelboardexams2021 ट्रैंड कर रहा है। बहरहाल सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) और कौंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टीफिकेट एग्जामिनेशन्स (सी.आई.एस.सी.ई.) ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं और परीक्षाओं के दौरान कोविड-19 के सभी दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा।

Change.org याचिका में बोर्ड परीक्षाएं रद्द कराने का अपील
'चेंज डॉट ओआरजी पर एक याचिका में कहा गया है, “भारत में हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। जब देश में कुछ ही मामले थे तो उन्होंने बाकी की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी थी और अब जब मामले चरम पर हैं तो वे स्कूलों को खोलने की योजना बना रहे हैं। हम शिक्षा मंत्री से इस मामले पर विचार करने और इस साल होने वाली सभी परीक्षाएं रद्द करने का अनुरोध करते हैं क्योंकि छात्र पहले ही बहुत तनाव में हैं।“

कक्षा 10वीं की एक छात्रा ने टि्वटर पर सरकार से कम से कम एक महीने के लिए परीक्षाएं रद्द करने और फिर मामलों की संख्या के आधार पर स्थिति की समीक्षा करने का अनुरोध किया। एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया कि छात्र इस महामारी में अब तक काफी दिक्कतों का सामना कर चुके हैं। कक्षाएं ऑनलाइन हुईं इसलिए परीक्षाएं भी ऑनलाइन होनी चाहिए या छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट किया जाना चाहिए। आमतौर पर बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षाएं जनवरी में और लिखित परीक्षाएं फरवरी में शुरू होती हैं तथा मार्च में संपन्न होती हैं। महामारी के कारण परीक्षाओं में देरी हो गई है और अब मई-जून में ये परीक्षाएं होनी हैं।

परीक्षा के लिए पर्याप्त प्रबंध
सी.बी.एस.ई. के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं और सभी कोविड-19 नियमों का पालन किया गया। सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 40-50 फीसदी तक बढ़ा दी गई है। बोर्ड ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि अगर कोई छात्र खुद या परिवार के किसी सदस्य के संक्रमित पाए जाने के कारण प्रैक्टिकल परीक्षा में नहीं बैठता है तो स्कूल उचित समय पर उनके लिए फिर से परीक्षा आयोजित करेगा। अधिकारी ने हालांकि इस पर टिप्पणी नहीं की कि क्या लिखित परीक्षा में भी यह छूट दी जाएगी। वहीं सी.आई.एस.सी.ई. के मुख्य कार्यकारी और सचिव गैरी अराथून ने कहा कि परीक्षाएं निर्धारित समय पर ही होंगी।

स्टूडैंट्स ने ट्विटर पर परीक्षाएं ऑनलाइन कराने की रखी मांग
गौरतलब है कि आमतौर पर प्रैक्टिकल परीक्षाएं जनवरी में आयोजित की जाती हैं और लिखित परीक्षा फरवरी में शुरू होती है और मार्च में समाप्त होती हैं लेकिन पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से परीक्षा में देरी हुई जिन्हें इस साल मई-जून में कराने का फैसला लिया गया था।

कई स्टूडैंट्स ने ट्विटर लिखा है कि सरकार से कम से कम एक महीने के लिए परीक्षाएं स्थगित कर दे और फिर कोविड मामलों की संख्या के आधार पर आगे की समीक्षा करे। एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया, \"इस महामारी में छात्रों को पहले ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गई थीं, इसलिए परीक्षाएं भी ऑनलाइन होनी चाहिएं या छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के माध्यम से प्रमोट किया जाना चाहिए।\'


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Content Writer

Tania pathak

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