‘पंजाब केसरी’ ने मां की गोद में पहुंचाया उसके जिगर का अनमोल टुकड़ा

punjabkesari.in Wednesday, Jul 18, 2018 - 09:32 AM (IST)

फिल्लौर(भाखड़ी): अपने 4 माह के बच्चे को अपनी गोद में पाकर मां की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। फिल्लौर के मैया दरबार के बाहर से अपहृत हुए इस 4 माह के बच्चे को 11 दिन के अथक प्रयास से ‘पंजाब केसरी’ ने उसकी मां की गोद में पहुंचाया। आंखों से छलक रही खुशी में मां के ये बोल थे कि पंजाब केसरी ने ‘अज्ज मेरे जिगर दा अनमोल टुकड़ा मेरी झोली विच पा दित्ता’।

बच्चे के अपहरण के इस केस में पंजाब केसरी टीम ने पूरी इन्वैस्टीगेशन की और इसकी कवरेज के चलते पुलिस इस मानव तस्करों के ठिकाने पर पहुंची। इस संबंध में जब फिल्लौर में पत्रकार सम्मेलन हो रहा था तब जालंधर देहात के एस.एस.पी. नवजोत सिंह ने पंजाब केसरी टीम को फोन किया और कहा कि ‘पंजाब केसरी’ के कारण ही वह इस बच्चे को सकुशल बरामद कर उसकी मां तक पहुंचा पाए हैं। पंजाब केसरी की इस बढिय़ा कवरेज के लिए वह खुद पंजाब के गवर्नर को पत्र लिख रहे हैं।


मानव तस्कर कैसे देेते थे घटना को अंजाम 
फिल्लौर पुलिस ने लुधियाना में बड़े स्तर पर चल रहे मानव तस्करी के अड्डे का भंडाफोड़ कर बठिंडा में 2 लाख रुपए में बेचे गए बच्चे को 11 दिन बाद सुरक्षित बरामद कर उसकी मां के पास पहुंचा दिया। पुलिस ने लुधियाना के अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर मानव तस्करी के 3 अड्डों से 5 लोगों को काबू किया है, जबकि 2 अन्य अड्डों से 3 लोग फरार हो गए। पत्रकार सम्मेलन में डी.एस.पी. चाहल ने बताया कि छोटे बच्चों की तस्करी करने वाले सहारनपुर के रहने वाले नफीस और नजीम ने इस धंधे के लिए लुधियाना के गुरु गोबिंद नगर टिब्बा रोड पर किराए के मकान लेकर उनमें मानव तस्करी के अड्डे खोल दिए। इस दौरान नफीस की डाबा कालोनी में रहने वाली 3 बच्चों की मां सर्बजीत कौर से दोस्ती पड़ गई। मोटे रुपए आते देख वह भी उनके इस गिरोह में शामिल हो गई। ये लोग धार्मिक स्थलों पर पति-पत्नी बन कर घूमते थे और मौका पाकर छोटे बच्चों को उठा लेते थे। लड़का पाने के चाह्वानों को आगे ये मोटी बोली लगाकर बेच देते थे।गत 5 जुलाई को वे इसी प्रकार फिल्लौर के मैया दरबार के बाहर से 4 महीने के मासूम बच्चे को उठाकर लुधियाना ले गए जहां इन्होंने बोली लगा कर बठिंडा की रहने वाली 2 बेटियों की मां को 2 लाख रुपए में बेच दिया, जिसे गत रात्रि थाना प्रभारी जतिंदर सिंह की टीम ने सुरक्षित छुड़वा कर उसे उसकी असली मां के पास पहुंचा दिया। यहां यह बता दें कि जिस महिला का बच्चा उठाया गया था वह सौदागर पत्नी सुशील लुधियाना की ही रहने वाली है।

पुलिस इस तरह पहुंची गिरोह तक 
डी.एस.पी. अमरीक सिंह चाहल ने बताया कि बच्चे के गुम होने के 8 दिन बाद उनके एक सूत्र ने फोन कर बताया कि जिस ब‘चे की आप तलाश कर रहे हो उसकी लुधियाना में बड़े स्तर पर बोली लग रही है और बठिंडा की रहने वाली महिला वीरपाल कौर ने 2 लाख रुपए की बोली देकर उसे खरीद लिया है जिस पर डी.एस.पी. ने तुरंत थाना प्रभारी जतिंदर सिंह के नेतृत्व में टीम तैयार की जिन्होंने 48 घंटे लगातार कड़ी मेहनत कर गिरोह के 5 लोगों पूर्ण, नफीस, मोहिंदर, सर्बजीत कौर और वीरपाल को दबोच लिया और बच्चा सुरक्षित बरामद कर लिया, जबकि उनके 3 अन्य साथी भागने में कामयाब हो गए।

लड़का होने की खुशी में नचाने थे किन्नर, पहुंच गई जेल 
बठिंडा की वीरपाल कौर का पति विदेश में रहता है। वीरपाल कौर के घर 3 लड़कियां हो गईं जिनमें से एक लड़की की मौत भी हो चुकी है। उसने अपने पति को खुश करने के लिए लुधियाना में रहती अपनी रिश्तेदार महिला से लड़का गोद लेने के बदले में मोटे रुपए देने की पेशकश की। उसकी महिला रिश्तेदार रुपयों के लालच में मानव तस्कर गिरोह के संपर्क में आ गई और उन्होंने दरबार से बच्चा उठा कर वीरपाल कौर को 2 लाख रुपए में बेच दिया। उधर, वीरपाल कौर ने विदेश रहते अपने पति को पहले से झूठ कह दिया था कि वह दोबारा गर्भवती हो चुकी है। 4 महीने का बच्चा खरीदने के बाद उसने पति को फोन कर बोल दिया कि उसे लड़का हो गया। लड़का होने की खुशी में उन्होंने घर में किन्नर नचवाने की तैयारी कर ली। आखिरकार वीरपाल के लड़का लेने के सारे अरमान उस समय धरे रह गए जब पुलिस ने गत रात्रि रेड कर बच्चा बरामद कर वीरपाल के झूठ का भंडाफोड़ करते हुए उसे भी तस्करों का साथ देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

और भी हो सकते हैं बड़े खुलासे 
डी.एस.पी. अमरीक सिंह चाहल ने बताया कि पुलिस के हाथ मानव तस्कर गिरोह के 5 लोग लगे हैं। इनके फरार 3 साथियों को पकडऩे के लिए पुलिस ने हर तरफ  घेराबंदी की हुई है। इस गिरोह ने न जाने और कितने इस प्रकार बच्चों को उठा कर बेचा होगा जिसका खुलासा इनके सभी साथियों को पकड़ कर जल्द किया जाएगा। डी.एस.पी. ने कहा कि वह हर उस बच्चे को उसकी असली मां की गोद में पहुंचाएंगे जिन्हें इन्होंने बेच डाला है। 

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