सांसद हरसिमरत कौर बादल दोहराना चाहती है इतिहास, उपचुनाव को लेकर अकाली दल बना रहा नई रणनीति
punjabkesari.in Tuesday, Sep 10, 2024 - 02:35 PM (IST)
मलोट (शाम जुनेजा): पंजाब में होने वाले 4 विधानसभा के उपचुनाव को लेकर अकाली दल ने अपनी गहमागहमी बढ़ा दी है। कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ द्वारा प्रचार इंचार्ज बनाने के बाद बीबी हरसिमरत कौर बादल ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। लगातार चार संसदीय चुनाव जीतने के बाद आत्मविश्वास से भरी हरसिमरत कौर बादल प्रकाश सिंह बादल के नक्शेकदम पर चलकर इतिहास दोहराना चाहती हैं।
हालांकि हरसिमरत कौर बादल अपने आभार दौरे के तहत कई दिनों से लंबी हलके के गांवों में बैठकें कर रही हैं लेकिन जानकारी के मुताबिक उनका सारा ध्यान गिद्दड़बाहा उपचुनाव पर केंद्रित है । वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में बैठकों के बिना अपने आवास पर गिद्दड़बाहा जिले के चुनाव पर होमवर्क कर रहे हैं। वह लंबी हलके के गांवों में धन्यवादी दौरे के दौरान जहां अकाली वर्करों को ग्राम पंचायत चुनावों के साथ-साथ जिमनी चुनाव वाले हलके से संबंधित गांवों में अपने रिश्तेदारों से संपर्क करने की अपील कर रहे हैं, वहीं वे गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र से संबंधित गांवों के नियुक्त प्रभारियों से भी बातचीत कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
गौरतलब है कि 26 अगस्त को डिंपी ढिल्लों द्वारा अकाली दल से इस्तीफे की घोषणा के बाद अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह ने कहा था कि वह डिंपी ढिल्लों के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए अभी 10 दिनों तक इंतजार करेंगे। लेकिन डिंपी ढिल्लों के आम आदमी में शामिल होने के बाद बदले राजनीतिक परिदृश्य ने अकाली दल और खासकर बादल परिवार को नए फैसले लेने के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। जानकारी के मुताबिक हरसिमरत कौर बादल को गिद्दड़बाहा सीट की कमान सौंपने के बाद परिवार नई राजनीति पर विचार कर रहा है, जहां लंबी व मलोट हलके समेत गिद्दड़बाहा हलके से संबंधित गांवों में वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी लगाई गई थी । लेकिन अब बीबी बादल ने इन प्रभारियों के गांवों में भी बदलाव कर दिया है । इस संबंध में उन्होंने अपने आवास पर गिद्दड़बाहा हलके से संबंधित गांवों के प्रभारियों से बातचीत की।
सूत्रों के मुताबिक जानकारी के मुताबिक बीबी हरसमिरत कौर बादल कौर बादल द्वारा गिद्दड़बाहा हलके से सुखबीर सिंह बादल को चुनाव लड़ाने के पक्ष में नहीं थीं उनका कहना है कि वह अपने पैतृक निर्वाचन क्षेत्र लंबी में लोगों की सेवा करेंगे, लेकिन पंजाब की राजनीति में रोजाना हो रहे उलटफेर के बाद उनका मन बदल गया है। बेशक, अगले कुछ दिनों में कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव होंगे, लेकिन अकाली दल को इससे ज्यादा नुकसान नहीं हो सकता। बल्कि अगले कुछ दिनों में कार्यकर्ताओं की सहानुभूति उनके पक्ष में शुरू हो सकती है । हालांकि, चूंकि अकाली दल गिद्दड़बाहा से 9 बार जीत चुका है, इसलिए बादल परिवार की जड़ें इस निर्वाचन क्षेत्र में गहरी हैं। इसलिए अब हरसिमरत कौर बादल समेत परिवार चाहता है कि यह पार्टी के साथ-साथ बादल परिवार के लिए भी आर-पार की लड़ाई है, इसलिए सुखबीर सिंह बादल को गिद्दड़बाहा से उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरना चाहिए । हालांकि, अकाली दल के पास अब खोने के लिए कुछ नहीं है और अगर पार्टी को इस मुकाबले में अच्छे नतीजे मिले तो 1995 का इतिहास दोहराया जा सकता है।
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