लड़की से मिलने आए लड़के को मारपीट कर उतारा मौत के घाट

punjabkesari.in Monday, Jun 03, 2019 - 09:26 AM (IST)

लंबी/मलोट (जुनेजा): मलोट के नजदीक सड़क पर गंभीर रूप से घायल मिले एक नौजवान की उपचार दौरान मौत हो गई। पहली नजर में यह मामला हादसा लगता था, लेकिन धीरे-धीरे सूई कत्ल के मामले की ओर जा रही है। 

जानकारी के अनुसार गुरप्रीत सिंह पुत्र हरनेक सिंह वासी देहड़का थाना हठूर पुलिस जिला जगराओं अपने दोस्त कुलवंत सिंह पुत्र दलेर सिंह वासी रसूलपुर मल्लां थाना हठूर के साथ गत रात्रि मलोट के नजदीक हल्के के डिफैंस रोड पर एक गांव बलौंच केरा (रसूलपुर केरा) में रहती दोस्त लड़की को मिलने आया था। लड़की के परिवार को पता चल जाने के कारण उन्होंने इसकी बुरी तरह मारपीट की तथा सड़क पर फैंक दिया, जबकि उसका एक अन्य साथी मौके से फरार हो गया। बाद में घायल को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां हालत गंभीर होने के कारण उसे चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई।मामले की जांच कर रहे चौकी भाईका केरा के इंचार्ज थानेदार अमरीक सिंह का कहना है कि मृतक के साथ आए लड़के से पूछताछ के बाद आगे पड़ताल की जा रही है और जल्द ही सच सामने आ जाएगा।


लड़के को बांधकर की मारपीट 
इस संबंधी मृतक के दोस्त कुलवंत सिंह पुत्र दलेर सिंह ने बताया कि गुरप्रीत सिंह बलोचकेरा में अपनी दोस्त लड़की को मिलने के लिए रात्रि को गया था कि उसके घर पता चल गया। लड़की के ताया के पुत्रों बलजीत सिंह, गुरजीत सिंह व खुशप्रीत सिंह पुत्र बख्शीश सिंह ने उसे पकड़ लिया व बांधकर मारपीट की। इस पर जख्मी हुए गुरप्रीत सिंह की उपचार दौरान मौत हो गई। लंबी पुलिस ने इस मामले के लिए जिम्मेदार तीनों भाइयों के विरुद्ध धारा &02 के तहत कत्ल का मामला दर्ज किया है।

सऊदी अरब से छुट्टी पर आया था 
मारपीट करने के कारण जान गंवा चुका गुरप्रीत सिंह सऊदी अरब में काम करता था और छुट्टी पर आया हुआ था। उसके परिजनों का कहना है कि यह तो साफ है कि उससे मारपीट की गई है, जिस कारण वह घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई। उनका कहना है कि उसे घर से एक दोस्त लेकर गया था। 

मौत के लिए जिम्मेदार है डाक्टर
उधर मृतक के परिजनों ने नौजवान की मौत को लेकर सरकारी अस्पताल में एक डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि ड्यूटी पर तैनात डाक्टर ने बनती डाक्टरी सहायता नहीं की। रात्रि & बजे गुरप्रीत सिंह को अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उसका कोई उपचार नहीं किया गया। सुबह 7 बजे पीड़ित के परिवार ने 150 कि.मी. दूर से आकर सोते हुए डाक्टर को जगाया। इससे पूर्व दर्जा-4 के एक स्टाफ सदस्य ने आकर उसको आक्सीजन लगा दी थी।

परिजनों ने डाक्टरों से की धक्का-मुक्की
सीनियर डाक्टर सुनील बांसल व डा. सुनील अरोड़ा का कहना था कि अगर ड्यूटी पर तैनात डाक्टर की लापरवाही है तो उसके विरुद्ध विभाग द्वारा कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन पारिवारिक सदस्यों ने सीनियर डाक्टरों से बुरा व्यवहार व धक्का-मुक्की की और इस घटना के लिए दोषी लोगों की बजाय परिजन डाक्टरों को निशाने पर रख रहे हैं।

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