नड्डा का राहुल पर हमला गलवान घटना से लोगों का ध्यान हटाने का प्रयास : कैप्टन

punjabkesari.in Wednesday, Jul 08, 2020 - 08:45 AM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर (अश्वनी, धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की ओर से भारत-चीन के बीच गतिरोध के मुद्दे पर राहुल गांधी पर हमले का गंभीर नोटिस लिया। उन्होंने कहा कि गलवान घाटी में भारत सरकार की नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाने का एक हताश प्रयास है। उन्होंने कहा कि गलवान घाटी के लगातार और उपयुक्त जवाब देने में असफल रही भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अब राहुल गांधी पर निजी हमला कर लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है। अकेले राहुल गांधी ही नहीं, बल्कि पूरा देश जवाब मांग रहा है जिसके बारे अकेले हमारे सैनिक ही नहीं, बल्कि भारतीय भी जानना चाहते हैं कि 15 जून को गलवान घाटी में क्या गलत हुआ है। 

कै. अमरेंद्र ने कहा कि वास्तव में राहुल गांधी उनके साथ चीन के मुद्दे पर विचार-विमर्श कर ङ्क्षचता जाहिर करते थे जबकि केंद्र सरकार गलवान में गतिरोध से पूरी तरह इंकार कर रही है। क्षेत्र में कोई घुसपैठ न होने के प्रधानमंत्री के ताजा बयान पर उन्होंने पूछा कि चीन भारतीय इलाके में दाखिल हुए बिना अब वापस कैसे जा रहा है। इस तरह के सवाल राहुल गांधी ने पूछे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सवालों का जवाब देने की बजाय अब भी इससे इंकार कर रही है।
नड्डा की ओर से राहुल गांधी की यह कहकर आलोचना करना कि रक्षा संबंधी स्टैंङ्क्षडग कमेटी की एक मीटिंग में भी हिस्सा नहीं लिया, बारे कै. अमरेंद्र ने कहा कि कमेटी लड़ाई के मैदान से संबंधित जमीनी फैसले नहीं करती। कमेटी फैसला नहीं करती कि सैनिकों को सरहद पर जरूरी हथियारों और गोला-बारूद के साथ भेजना है या नहीं। कमेटी इस स्थिति पर भी कोई नीतिगत फैसला नहीं करती कि सैनिक हथियार चलाएं या नहीं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मीटिंग में शामिल होकर गोला-बारूद की कमी का मुद्दा उठाया था। उस समय उन्हें बताया गया कि 5 साल में समस्या को हल कर लिया जाएगा। इस पर चुटकी लेते हुए कहा था, ‘क्या पाकिस्तान और चीन को 5 साल के लिए इंतजार करने को कह दें।’ ‘परिवारवाद की परंपरा’ बारे टिप्पणी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पारिवारिक प्रभाव के कारण नहीं, बल्कि वोटों द्वारा लोकसभा मैंबर चुने गए हैं। एक सांसद और एक बुद्धिमान भारतीय के रूप में राहुल गांधी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने से सत्तापक्ष द्वारा गलवान में केंद्र सरकार की नाकामी का पर्दाफाश हुआ है जिससे कीमती मानव जीवन के रूप में मुल्क को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। 


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