नड्डा ने कैप्टन के पत्र का दिया जवाब, SC के आदेशों के विपरीत किसानों के आंदोलन को शह देने का लगाया आरोप

punjabkesari.in Thursday, Nov 05, 2020 - 10:39 AM (IST)

चंडीगढ़(विशेष): कृषि कानूनों के विरोध को लेकर पलटवार करते हुए भाजपा प्रधान जे. पी. नड्डा ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के विपरीत किसानों के प्रदर्शन को शह देने का आरोप लगाया है। यहां बताना उचित होगा कि कैप्टन ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पंजाब में मालगाडिय़ां भेजने पर रोक लगाने के फैसले को लेकर नड्डा को पत्र लिखकर कृषि कानूनों के विरोध के चलते पैदा हुए हालात को सामान्य करने के लिए दखल देने की अपील की थी।

इस संबंधी कैप्टन को भेजे पत्र में नड्डा ने साफ किया है कि फिलहाल उन्हें अमरेन्द्र की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई  पत्र नहीं  मिला है जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैप्टन की पंजाब के मुद्दे सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं है और उन्होंने सिर्फ सियासी उद्देश्य के तहत मीडिया को जारी करने के लिए ही पत्र लिखा था। ? नड्डा ने कैप्टन को कृषि कानूनों संबंधी कांग्रेस द्वारा चुनाव घोषणा पत्र में किए वायदे की याद दिलाते हुए कहा कि कृषि कानूनों का मकसद किसानों को बिचौलियों के चंगुल से निकालकर उनकी आमदनी में इजाफा करने के साथ उनको उत्पाद बेचने के लिए ज्यादा विकल्प उपलब्ध करवाना है। उक्त बिल बाकायदा संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस सदस्यों की मौजूदगी में चर्चा करके पास किए गए हैं। इसमें एम.एस.पी. को खत्म नहीं किया गया और खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि भविष्य में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।

यह सब कुछ पता होने के बावजूद कैप्टन द्वारा सिर्फ सियासी मकसद से बिल का विरोध किया जा रहा है। यहां तक कि प्रदर्शन करने वालों को शह देने के लिए उनके खिलाफ कोई केस दर्ज न करने का ऐलान किया गया है। जो कि सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के उन आदेशों का उल्लंघन है, जिनमें लोगों को परेशानी से बचाने के लिए सड़कों या रेल ट्रैक पर विरोध करने की मनाही की गई है।नड्डा ने पंजाब में मालगाडिय़ां न भेजने संबंधी केंद्र द्वारा जारी फैसले के लिए भी कैप्टन को जिम्मेदार बताया है, क्योंकि रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा 26 अक्तूबर को लिखे पत्र के जवाब में पंजाब सरकार द्वारा अब तक रेल ट्रैक व ट्रेन चलाने वाले मुलाजिमों की सुरक्षा को लेकर कोई गारंटी नहीं दी गई जिसके बाद ही पंजाब की तरफ यात्री गाडिय़ां चलाने का रास्ता साफ हो सकता है।

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