84 के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए इस्तीफा क्यों नहीं देतीं हरसिमरतःनिमिषा

punjabkesari.in Saturday, Nov 10, 2018 - 10:50 AM (IST)

जालंधर(सोढी): पंजाब कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री निमिषा मेहता ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर अकाली दल द्वारा दिल्ली में किए गए प्रदर्शन को ड्रामा करार दिया है। पंजाब केसरी के साथ बातचीत के दौरान निमिषा मेहता ने कहा कि यदि अकाली दल 84 दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए गंभीर होता तो केंद्रीय कैबिनेट में शामिल पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत करके आरोपियों को सजा दिलवा सकती थीं।

हरसिमरत कौर आम जनता के सामने यह स्पष्ट करें कि पिछले साढ़े 4 साल में उन्होंने कितनी बार इस बारे में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र लिखा या मुलाकात की है। वह ऐसा नहीं करेंगी क्योंकि उन्होंने पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए कुछ नहीं किया।  यदि उनके ऐसा करने के बावजूद केंद्र सरकार पीड़ितों को इंसाफ नहीं दे रही तो हरसिमरत पद से इस्तीफा क्यों नहीं देतीं। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कैप्टन सरकार द्वारा कार्रवाई न किए जाने के सवाल के जवाब में निमिषा ने कहा कि सरकार ने इस मामले में एस.आई.टी. बनाई है जो हर पहलू से मामले की गंभीरता के साथ जांच कर रही है। इस मामले में कार्रवाई जरूर होगी।

एस.जी.पी.सी.अध्यक्ष लौंगोवाल से जल्द करूंगी मुलाकात

बरगाड़ी में शहीद हुए युवकों की तस्वीरें सिख अजायब घर में लगाए जाने की मांग को लेकर निमिषा मेहता द्वारा एस.जी.पी.सी. को लिखी गई चिट्ठी के मामले में उन्होंने कहा कि वह गढ़शंकर की संगत के साथ इस मामले में जल्द ही कमेटी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल के साथ मुलाकात करने जा रही हैं। उन्हें इस मामले में कमेटी के सदस्यों का भी समर्थन हासिल है। निमिषा ने कहा कि एस.जी.पी.सी. को यह काम 3 साल पहले ही कर देना चाहिए था लेकिन ऐसा इसलिए नहीं किया गया क्योंकि बादलों के राज में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मान के लिए हो रही लड़ाई के दौरान शहीद हुए सिख युवकों को एस.जी.पी.सी. शहीद का दर्जा नहीं देना चाहती थी।

बरगाड़ी कांड पीड़ितो को इंसाफ दिलाने के लिए अकाली दल ने नहीं की कार्रवाई 
निमिषा ने कहा कि अकाली दल ने अपनी सरकार के समय इस मामले में पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की और शहीदों की याद में उनके गांवों में बनाए जा रहे हाल में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। कांग्रेस की तरफ से तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा ने खुद गांव का दौरा किया और गांव में निर्माण कार्य शुरू करवाए। शहीदों की तस्वीरें अजायब घर में लगाए जाने की मांग को अकाली दल का समर्थन मिलने के सवाल पर निमिषा ने कहा कि वह कांग्रेसी होने के नाते यह मांग नहीं कर रहीं बल्कि यह मांग एक पंजाबन होने के नाते है। मेरी श्री गुरु ग्रंथ साहिब में आस्था है । ये युवक श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मान में शहीद हुए हैं, लिहाजा हर पंजाबी यह चाहेगा कि इनकी तस्वीरें अजायब घर में लगाई जाएं। इस मांग को मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह का समर्थन मिलने के सवाल पर निमिषा ने कहा कि यह राजनीतिक मामला नहीं है।  

एन.आर.आइज. की भावनाओं से खेल रहे ही आप और खैहरा 
पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेता सुखपाल खैहरा को एन.आर.आइज द्वारा दिए गए समर्थन पर बोलते हुए निमिषा ने कहा कि उनकी भावनाएं अपने राज्य के साथ जुड़ी हुई हैं। आम आदमी पार्टी व खैहरा जैसे नेता इन भावनाओं के साथ पैसे के लिए खेल रहे हैं क्योंकि एन.आर.आई. पंजाब में राजनीतिक दलों को भारी-भरकम फंडिंग करते हैं और यह सारा खेल पैसे का ही है।

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