55 महीनों में 8 बार पंजाब आ चुके हैं मोदी, मुश्किलें बरकरार, अब सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं किसानों को

punjabkesari.in Thursday, Jan 03, 2019 - 09:47 AM (IST)

गुरदासपुर(हरमनप्रीत): करीब साढ़े 4 वर्ष पहले देश की बागडोर संभालने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद अब तक के तकरीबन 55 महीनों दौरान 8 बार पंजाब का दौरा किया है। इनमें से तकरीबन आधे दौरे चुनाव प्रचार से संबंधित हैं जबकि बठिंडा में एम्स का नींव पत्थर रखने से संबंधित एक दौरे के अलावा बाकी के दौरे अन्य कार्यों के लिए थे। प्रधानमंत्री के इन दौरों के बावजूद भी पंजाब निवासियों के बहुत से मसले और मांगें जस की तस ही हैं। अब जब गुरदासपुर आ रहे हैं तो न सिर्फ इस सीमावर्ती जिले के लोगों को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं बल्कि समूचा पंजाब भी प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर कई आशाएं लगाए बैठा है।

गुरदासपुर लोकसभा हलके को लक्की समझते हैं नरेन्द्र मोदी 
गत विधानसभा चुनाव से पहले भी प्रधानमंत्री ने 24 जून, 2013 को पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सरहद पर लोकसभा हलका गुरदासपुर में माधोपुर में विशाल रैली को संबोधित कर अपनी चुनाव मुहिम का आगाज किया था। उस दौरान भाजपा ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 60वीं बरसी के अवसर पर विशाल रैली करवाई थी। उपरांत 2014 के मतदान दौरान नरेन्द्र मोदी ने जगराओं में विशाल रैली की। अप्रैल 2014 दौरान भी उन्होंने अमृतसर सहित अन्य शहरों में अकाली-भाजपा गठजोड़ के उम्मीदवारों के पक्ष में विशाल रैलियां कीं। इन रैलियों दौरान मोदी ने पंजाब की नुहार बदलने सहित अनेक लोक लुभावने सपने दिखाए थे परन्तु बाद में कई वायदे हवा हो गए और पंजाब को कोई भी बड़ा और विशेष पैकेज नहीं मिल सका।

2015 में अचानक पंजाब पहुंच गए थे मोदी
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने 23 मार्च, 2015 को फिरोजपुर के नजदीक हुसैनीवाला में पहुंच कर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि दी थी। वर्ष 2015 दौरान नवम्बर में दीवाली के त्यौहार के अवसर पर प्रधानमंत्री ने पंजाब सरकार और पार्टी के किसी भी सीनियर नेता को सूचना दिए बिना ही अचानक अमृतसर पहुंच कर सरहद के रक्षकों के साथ दीवाली मनाई और उनको शुभकामना देने के अलावा उनकी हौसला अफजाई भी की।

2016 में पंजाब के किए 3 दौरे
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2016 के शुरू में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के बाद 9 जनवरी को इस एयरबेस का दौरा किया व वहीं से वह वापस चले गए। इस उपरांत उन्होंने इसी वर्ष 25 नवम्बर को बठिंडा में बनाए जाने वाले एम्स का नींव पत्थर रखा। इस दौरान वह गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व को समर्पित समारोह में शिरकत करने के लिए श्री आनन्दपुर साहिब पहुंच कर नतमस्तक हुए। उसी वर्ष के आखिर में एक कॉन्फ्रैंस में हिस्सा लेने के लिए अमृतसर दौरे दौरान वह अचानक श्री हरिमन्दिर साहिब भी पहुंचे।



2017 दौरान सिर्फ चुनाव रैलियों तक सीमित रही मोदी की आमद
वर्ष 2017 दौरान हुए विधानसभा मतदान दौरान प्रधानमंत्री ने पंजाब में पहले महीने के आखिर में चुनाव से बिल्कुल पहले कोटकपूरा और जालंधर में गठजोड़ के उम्मीदवारों के पक्ष में रैलियां कीं।

2018 दौरान किया एक दौरा परन्तु नहीं कर सके कोई ऐलान
वर्ष 2018 दौरान प्रधानमंत्री ने मलोट में 11 जुलाई को किसान रैली करवाई जिस दौरान पंजाब भर के किसानों और अकाली-भाजपा वर्करों ने बड़ी संख्या में शिरकत की। इस रैली दौरान पंजाब निवासियों को मोदी से किसी बड़े पैकेज या प्रोजैक्ट के ऐलान की उम्मीद थी परन्तु प्रधानमंत्री ऐसा कोई भी ऐलान नहीं कर सके।

ये हैं लोगों को उम्मीदें 
1. पंजाब में पानी का मुद्दा।
2. चंडीगढ़ पंजाब को सौंपने की मांग।
3. किसानों के सिर चढ़े कर्ज माफ करने की मांग।
4. पंजाब को विशेष पैकेज देने की मांग।
5. औद्योगिक इकाइयों के लिए विशेष छूट देने की मांग।
6. काश्तकारों के लिए सुविधाएं और राहत।
7. सरहदी जिले में उद्योग लगाने की मांग।
8. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य पर शिक्षा संस्थान स्थापित करने की मांग।
9. गन्ने ओर गेहूं सहित अन्य प्रमुख फसलों के लिए केंद्रीय खोज केंद्र की मांग।
10. गन्ना काश्तकारों की खुशहाली के लिए गन्ना मिलों की स्थापना।
11. जिला गुरदासपुर में एम्स बनाने की मांग।
12. बटाला इंडस्ट्री और धारीवाल मिल को शुरू करने की मांग।

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