बठिंडा, फिरोजपुर, पटियाला व गुरदासपुर में मतदान में हो सकती है धांधली : नरेश गुजराल

punjabkesari.in Thursday, May 16, 2019 - 12:31 PM (IST)

जालंधरः पंजाब में 19 मई को लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। अकाली दल-भाजपा गठबंधन इसे कैसे देखता है इस पर अकाली दल के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य नरेश गुजराल ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि इस बार भी एन.डी.ए. की सरकार बनेगी। देश के लोगों ने मन बना लिया है कि उन्हें स्थिर सरकार चाहिए और स्ट्रांग प्रधानमंत्री चाहिए इसलिए वह मोदी को वोट डाल रहे हैं। पंजाब में कांग्रेस की सरकार है, चुनाव के दौरान यहां धक्केशाही होने की आशंका है। पंजाब के बठिंडा, फिरोजपुर, पटियाला और गुरदासपुर में चुनाव दौरान धक्केशाही और धांधली होगी इसलिए मैंने भारत के चुनाव आयोग को लिखकर दिया है कि इन चारों लोकसभा क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित करते हुए यहां स्पैशल आब्जर्वर भेजे जाएं।  सैंटर से फोर्स बुलाकर तैनात की जाए। चुनाव आयोग ने पंजाब में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव करवाने का आश्वासन दिया है। पंजाब केसरी टी.वी. के प्रतिनिधि रमनजीत सिंह सोढी ने उनसे विशेष बातचीत की। पेश हैं बातचीत के अंश:-

प्र. - पंजाब में किस तरह की तस्वीर देखते हैं?
उ. - पंजाब के हालात तेजी से बदल रहे हैं। पंजाब में 13 सीटें हैं और मेज्योरिटी गठबंधन के पास होगी।

प्र. - पिछले समय दौरान बेअदबी के मामलों में अकाली दल को नुक्सान हुआ?
उ. - विधानसभा चुनाव के दौरान हमें इसका बहुत नुक्सान हुआ लेकिन इसका रिवाइव बहुत तेजी से हुआ। एक तो जनता को समझ आ गई कि अकाली दल पर गलत आरोप लगाए गए थे। दूसरा कैप्टन सरकार ने अढ़ाई साल में कुछ नहीं किया।

प्र. - ई.वी.एम. को लेकर धांधली हो सकती है?
उ. -
राहुल गांधी ने ई.वी.एम. की बात एम.पी., राजस्थान व छत्तीसगढ़ में की। जहां जीत जाओ वहां ई.वी.एम. ठीक, जहां हार जाओ वहां ई.वी.एम. को ब्लेम कर दो। प्र. - इलैक्शन कमीशन अंडर प्रैशर है?
 

प्र. - इलैक्शन कमीशन अंडर प्रैशर है?

उ. - यह नई बात नहीं है। इतिहास देख लें हर बार विपक्ष ब्लेम करता है कि सरकारों को इलैक्शन कमीशन फेवर करता है, लेकिन मुझे फख्र है कि भारत देश का इलैक्शन कमीशन आजाद है। इसमें शरीफ अधिकारी बैठे हैं।

प्र. - सुखबीर बादल को चुनाव लड़ने की जरूरत क्यों पड़ी?
उ. -
पंजाब में विरोधी पार्टियां व टकसाली शोर मचा रहे थे कि अकाली दल खत्म हो गया है इसलिए सुखबीर पार्टी के जरनैल बनकर सामने आए। यह भी शोर मचाया जा रहा था कि हरसिमरत कौर इस बार भाग जाएंगी और बठिंडा से चुनाव नहीं लड़ेंगी। वह बठिंडा से चुनाव लड़ रही हैं जबकि सुखबीर खुद फिरोजपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। बठिंडा में इस समय कड़ा मुकाबला है लेकिन फिर भी हमारा 1 लाख तक मार्जिन होगा।

प्र. - पंजाब में कैप्टन सरकार की क्या परफॉर्मैंस है?
उ.- अपने 2 साल के कार्यकाल में कैप्टन सरकार एक भी वायदा पूरा नहीं कर पाई है। मुख्यमंत्री कैप्टन ने कहा था कि पंजाब से 4 हफ्तों में नशों को खत्म कर दिया जाएगा, किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा लेकिन कुछ नहीं हुआ। उलटा अकाली-भाजपा सरकार के समय शुरू की गई शगुन स्कीम, आटा-दाल स्कीम भी बंद कर दी गई।

प्र. - प्रधानमंत्री मोदी से देशवासी खुश हैं?
उ. - शुरू में लोग जरूर नाराज थे, लेकिन जब जी.एस.टी. को आसान कर दिया गया, देश की सिक्योरिटी मजबूत हुई, गरीबों के लिए सामाजिक कार्य किए गए तब लोगों की नाराजगी भी दूर हुई।

प्र. - मोदी पर आरोप है कि सेना को घर की सेना बना रखा है?
उ. - चुनावों में विरोधी पार्टियां ऐसे आरोप लगाती रहती हैं, लेकिन इन्हें गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। भाजपा इसका क्रैडिट नहीं ले रही।

प्र. - मनमोहन सिंह की कारगुजारी को कैसे देखते हैं?
उ. - मनमोहन सरकार के समय इकॉनोमी को डिरेल कर दिया गया। सभी बैंक लूटे गए। बड़े स्तर पर कर्जा देने के लिए बैंकों में दिल्ली से फोन जाता था। 

प्र. - मोदी की पंजाब को बड़ी देन क्या है? 
उ. - मोदी सरकार ने पंजाब को एम्ज दिया। इसके अलावा कैंसर अस्पताल, आई.आई.एम., सड़कों का जाल, फूड प्रोसैसिंग पार्क आदि दिए।

प्र. - मोदी सरकार के समय क्या किसानों को राहत मिली?
उ. - मोदी सरकार के प्रयासों से अगले साल तक स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू हो जाएगी।

प्र. - शिअद-भाजपा के रिश्तों की खामियों पर बोलना आपका निजी फैसला था या पार्टी के कहने पर बोलते रहे?
उ. - मैं अकाली दल प्रवक्ता हूं। पार्टी की फुल सपोर्ट थी इसलिए बोलता था। जिस तरह परिवारों में छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं, वैसे ही पार्टी में भी विचारधाराएं अलग होने से बोलना आम बात है।

प्र. - ‘आप’ को कैसे देखते हैं?
उ. - इस समय थर्ड फ्रंट खत्म हो गया है। दिल्ली में भी इसका जनाधार खत्म हो गया है। पंजाब में ‘आप’ बिखर कर रह गई है।

प्र. - क्या पंजाब की राजनीति में आना चाहते हैं?
उ. - इस समय मैं राज्यसभा में हूं। अगला चुनाव 5 साल बाद होगा। तब देखा जाएगा कि क्या करना है।

प्र. - जालंधर के क्या समीकरण हैं?
उ. - मुझे पूरा विश्वास है कि लोग मेरे द्वारा किए कामों का मूल्य वापस करेंगे।

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