दिल्ली कत्लेआम व गुजरात दंगों की तुलना नहीं की जा सकती : गुजराल

punjabkesari.in Monday, May 13, 2019 - 09:17 AM (IST)

जालंधर: शिरोमणि अकाली दल के राज्यसभा सदस्य नरेश गुजराल ने आज कहा कि 1984 के दिल्ली सिख कत्लेआम और 2002 के गुजरात दंगों के बीच बहुत ज्यादा अंतर है इसलिए कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाकर अपना पीछा नहीं छुड़ा सकती। 

शिरोमणि अकाली दल के नेता ने कहा कि गुजरात में पुलिस ने मुख्यमंत्री के आदेशानुसार दंगों को रोकने का पूरा प्रयास किया था तथा पुलिस फायरिंग में 300 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी परंतु दिल्ली में एक भी फायर नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि गुजरात में मृतकों में 790 मुसलमान थे जबकि दिल्ली में 254 ङ्क्षहदू दंगाई थे जिससे दोनों त्रासदियों के बीच का अंतर पता चलता है। गुजराल ने कहा कि दिल्ली सिख कत्लेआम में एक भी दंगाई घायल तक नहीं हुआ क्योंकि पुलिस निष्क्रिय बनी रही और पुलिस ने स्थिति ठीक करने के लिए एक भी गोली नहीं चलाई।

अगर मोदी को इसलिए दोषी ठहराया जा रहा है क्योंकि वह वहां के मुख्यमंत्री थे तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी तो दिल्ली सिख कत्लेआम के समय देश के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने याद किया कि उनके स्व. पिता आई.के. गुजराल, जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा तथा एयर मार्शल अर्जुन सिंह उस समय फौज को बुलाने तथा सिख कत्लेआम को रोकने का आग्रह करने के लिए बार-बार राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पास गए थे पर उन्होंने साफ लाचारी जताई थी कि फौज को न बुलाने के लिए प्रधानमंत्री के स्पष्ट आदेश हैं। 

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