नशा तस्करों ने बच्चों को भी नहीं बख्शा, किताबों की जगह शराब की बोतलें स्कूल बैग में

punjabkesari.in Tuesday, Jun 25, 2019 - 04:38 PM (IST)

पठानकोट(कंवल, आदित्य): पंजाब के जिला पठानकोट के साथ लगता हिमाचल प्रदेश का ग्रामीण क्षेत्र सबसे बड़ा नशा तस्करी का अड्डा बन गया है जो पंजाब की युवा पीढ़ी को लगातार नष्ट करता जा रहा है। कुछ ऐसा ही मामला पठानकोट के हिमाचल के साथ लगते सीमावर्ती इलाके में सामने आया है जहां पर स्कूली बच्चे किताबों के बजाए अवैध शराब की बोतलें ढोह रहे। आए दिन नशे की ओवरडोज के कारण मरने वालों के शवों का पंजाब हिमाचल सीमा पर चक्की नदी किनारे या आसपास मिलने की घटनाएं भी लगातार जारी हैं। जबकि दोनों राज्यों का पुलिस प्रशासन कई बार संयुक्त मीटिंगें करने व संयुक्त अभियान चला कर छापेमारी करने की करवाई भी कर चुके हैं मगर नशा तस्करी पर न तो अंकुश लगा पाए और ना ही नशा तस्करों पर नुकेल ही कस पाए। 

नशा तस्कर कर रहे हैं अपनी जेबें गर्म 
हैरोइन की तस्करी के अलावा अवैध रूप में देसी (सफेद कच्ची) शराब की तस्करी से भी पंजाब के सीमावर्ती ग्रामीण लोग मौत को गले लगा रहे हैं जबकि नशा तस्कर पंजाब को अवैध शराब की तस्करी करके अपनी जेबें भरने में लगे हैं। ऐसा ही एक मामला पठानकोट के हिमाचल सीमा के बिल्कुल साथ गांव नारायणपुर क्षेत्र में देखने को मिला है, जहां के लोगों की जिंदगी को तबाह करने में लगे हैं। इस मामले को युवा समाज सेवक व पूर्व पंचायत सदस्य विनय रघुवंशी ने उठाया और अवैध सफेद कच्ची शराब तैयार करके तस्करी करने वाले हिमाचल के उक्त प्रवासी परिवारों का कच्चा चिठ्ठा खोला है। विनय रघुवंशी ने इस मामले को लेकर बड़ी गंभीरता दिखाते जिला पुलिस प्रशासन को दखल देने को कहा, मगर जब जिला पुलिस द्वारा कोई करवाई नहीं की गई तो उन्होंने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री पंजाब कार्यालय में ई-मेल के जरिए देकर तुरन्त करवाई की अपील की गई। इस संबंध में विनय रघुवंशी ने मुख्यमंत्री कार्यालय से अवैध शराब की तस्करी के मामले में कार्रवाई करने संबंधित उनको भेजी सभी ई-मेल की कापी दिखाते हुए बताया कि उनके द्वारा मुख्यमंत्री पंजाब को सूचित करने के तुरन्त पश्चात मुख्यमंत्री कार्यालय से डीजीपी पंजाब व जिला पुलिस प्रमुख पठानकोट को कार्रवाई हेतु पत्र जारी किया गया। 

कच्ची शराब का गोरखधंधा जोरों पर 
उन्होंने बताया कि नारायणपुर के चक्की नदी के पार के गांव डुमला पंचायत हाड़ल तहसील नूरपुर जिला कांगड़ा में बसे एक प्रवासी परिवार द्वारा पंजाब-हिमाचल की सीमा की आड़ में अवैध रूप में कच्ची (सफेद) शराब का गोरखधंधा धड़ल्ले से चलाया जा रहा है जो पंजाब के गरीब परिवारों को तबाह करने में लगे हैं। उनके घरों छापेमारी की गई जहां शराब निकलने के लिए बनाई भ_ियां व अन्य सामग्री के सबूत पुलिस को मिले। मगर कुछ दिन के बाद अवैध शराब की तस्करी का धंधा दोबारा शिखर पर है।

बच्चों के स्कूली बैग में शराब की तस्करी
हिमाचल प्रदेश के उक्त गांव उन प्रवासी परिवारों द्वारा कच्ची (सफेद) शराब जो चावलों से बनाई जाती है कि बच्चों के जरिये पंजाब के गांवों में तस्करी का अलग मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। रघुवंशी ने बताया कि इसकी चर्चा होने के बाद गांव के कुछ लोगों ने शंका पडऩे पर पीठ पर स्कूली बैग उठा लेकर जाते हुए एक बच्चे को पकड़ कर तलाशी ली तो बैग में किताबों की बजाए अवैध शराब की बोतलें मिलीं जो आसपास के गांवों में सप्लाई के लिए लेकर जा रहा था। मगर इसमें बच्चा संलिप्त होने के कारण यह मामला स्थानीय लोगों ने दबा दिया। मगर ये सिलसिला रुका नहीं।

कई लोगों की हो चुकी है मौत
विनय रघुवंशी ने बताया कि इस हिमाचल से पंजाब में हो रही अवैध सफेद शराब की तस्करी कारण सबसे अधिक पठानकोट के गांव नारायणपुर, सुखनियाल, खुखियाल, पट्टा, बरोह, बरन, बासा, हाड़ा, समथेड़, नाईं बस्ती, लधेट्टी, ढाहका, मंगनी, मंगनेत आदि में असर ही रहा है। क्षेत्र में इस कच्ची लाहन के सेवन से 3-4 युवकों की मृत्यु भी हो चुकी है।

जिला पुलिस को लिखित शिकायत पर भी नहीं की कार्रवाई
विनय रघुनशी व युवा नेता ठाकुर अर्पण सिंह ने जिला पुलिस अधिकारी पठानकोट को लिखित शिकायत करके अवैध कच्ची शराब की तस्करी पर नुकेल कसने को कहा था। मगर उनके द्वारा कोई कारवाई न करने पर ही मुख्यमंत्री कार्यालय को ई-मेल की गई जिसके बाद डीएसपी नूरपुर साहिल अरोड़ा द्वारा कार्रवाई करते गत दिवस उक्त प्रवासी परिवारों के घर दंबिश दी गई। मगर इसके बाद अवैध कच्ची शराब का सिलसिला रुक नहीं है और धड़ल्ले से अभी भी जारी है। उन्होंने इस अवैध कच्ची शराब की तस्करी पर शीघ्र पूरी नुकेल कसने की जिला पुलिस प्रशासन को अपील की है।

Vaneet