क्रिकेट से सियासत तक , सिद्धू के निशाने पर रहे हैं 'कैप्टन'

punjabkesari.in Saturday, Jun 08, 2019 - 08:25 AM (IST)

चंडीगढ़ (टा.): नवजोत सिंह सिद्धू ने क्रिकेट से लेकर राजनीति तक कई नए आयाम बनाए। अपनी जिंदगी में सिद्धू ने क्रिकेट, कमैंट्री, कॉमेडी और राजनीति के पड़ाव तय किए। इन सब में एक चीज जो कॉमन है वह है सिद्धू का हमेशा अपने कैप्टन के साथ विवाद। कांग्रेस नेता सिद्धू फिलहाल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र के साथ जारी विवाद को लेकर सुर्खियों में हैं।
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लोकसभा चुनावों के समय से ही दोनों नेताओं में मनमुटाव जारी है। सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में से सिद्धू नदारद रहे। उन्होंने पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए खुद को जानबूझकर निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया। वहीं सी.एम. ने सिद्धू से उनका विभाग छीन लिया। सिद्धू की राजनीतिक मुसीबत 2014 में शुरू हुई जब भाजपा ने अमृतसर से उनका टिकट काटकर अरुण जेतली को दे दिया था। इससे नाराज सिद्धू ने भाजपा छोड़कर 2017 में कांग्रेस का दामन थाम लिया था। हालांकि अब भारतीय सेना के रिटायर्ड कैप्टन कांग्रेस के कद्दावर नेता और पंजाब के सी.एम. अमरेंद्र सिंह के साथ नवजोत सिंह सिद्धू का विवाद गहराता ही जा रहा है।
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बता दें कि लोकसभा चुनावों के समय से ही दोनों नेताओं में अनबन चल रही है। लोकसभा चुनाव 2019 में टिकट नहीं मिलने पर सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने कैप्टन के खिलाफ खुलकर नाराजगी जताई थी। इसका सिद्धू ने भी समर्थन किया था। इसके बाद सी.एम. अमरेंद्र ने सिद्धू को महत्वाकांक्षी बताते हुए कहा था कि उन्हें लगता है कि शायद सिद्धू की ख्वाहिश मुख्यमंत्री बनने की है। इसके अलावा सी.एम. कैप्टन ने नवजोत सिद्धू के पाकिस्तान जाकर वहां के सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा से गले मिलने को लेकर उन पर वार किया था। 

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अजहरुद्दीन से भी विवाद: इंगलैंड दौरा छोड़ आ गए थे भारत
हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब नवजोत सिंह सिद्धू का अपने कैप्टन के साथ विवाद हुआ हो। एक समय टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज के तौर पर धूम मचाने वाले सिद्धू के करियर में ऐसा मौका भी आया जब वह विदेशी दौरा बीच में ही छोड़कर वापस लौट आए थे। सिद्धू 1996 में इंगलैंड में चल रही सीरीज को बीच में छोड़कर भारत चले आए थे। उन्होंने उस समय के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन से विवाद की वजह से यह कदम उठाया था। सिद्धू ने अजहर पर अत्याचार और बुरा व्यवहार करने का आरोप लगाया था। हालांकि बाद में अजहरुद्दीन ने संवाद की कमी को इस विवाद की वजह करार दिया था। समय का पहिया घूमा और क्रिकेट के ये दोनों ही चेहरे राजनीति में आए और फिलहाल कांग्रेस पार्टी में ही शामिल हैं। उस घटना के 2& साल बाद किरदार जरूर बदल गए लेकिन सिद्धू का अपने कैप्टन के साथ विवाद आज भी जारी है।


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