सिद्धू की कोठी के बाहर किसानों का इकट्ठ देखकर पुलिस के हाथ-पैर फूले

punjabkesari.in Saturday, Mar 30, 2019 - 06:02 PM (IST)

अमृतसर (दलजीत): कैबनिट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के घर बाहर जेल भरो मोर्चे के अंतर्गत गिरफ्तारियां देने पहुंचे किसानों के इकठ्ठ को देख कर पुलिस प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए। किसान सरकार और पुलिस को ललकारते रहे यदि मांगे नहीं माननी तो हमें गिरफ्तार कर लो परन्तु पुलिस ने किसी भी किसान की कोई गिरफ्तार नहीं की। किसानों ने स्पष्ट कहा कि जब तक मांगें नहीं मानी तब तक संघर्ष जारी रहेगा। आज के जेल भरो आंदोलन में अमृतसर से इलावा तरनतारन, गुरदासपुर आदि जिलों के वर्कर बड़ी संख्या में पहुंचे हुए थे। धरने को संबोधन करते राज्य महासचिव सर्वन सिंह पंधेर, गुरबचन सिंह चब्बा, लखविन्दर सिंह वरियाम, जरमनजीत सिंह बंडाला, सकत्तर सिंह कोटला, अजीत सिंह आवास, रणजीत सिंह कलेरबाला ने कहा कि किसानों के साथ चुनाव में वायदे करसत्ता में आई कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार सता के मोह में किसानों की अहम मांगों को भूल गई है। 

किसान आत्महत्याएं कर रहा है और कैप्टन कुंभकरनी नींद सोया पड़ा है। कई बार किसानों को मांगों संबंधी भरोसा देकर सरकार मुकर चुकी है। सरकार के नारातमक व्यवहार को देखते किसानों में भारी रोष है। पहले आंदोलन के अंतर्गत रेल गाडियां रोकी गई थीं और अब कैबिनेट मंत्रियों के घरों बाहर धरने दे कर गिरफ्तारियों के लिए पुलिस को कहा जा रहा है। सरकार ने यदि मांगे ही नहीं माननी तो किसानों को जेलों में बंद कर दें। किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार विश्व व्यापार संस्था के दबाव तले देश की खेती मंडी तोड़ कर निजी हाथों में देने की नीति को आगे बढ़ाते हुए एशिया के 16 देशा दरमियान कर मुक्त व्यापारिक समझौता जून माह में लागू करन जा रही है, जिसके साथ चीन, आस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड आदि मुल्कों से गेहूं धान, दूध, खंड, फल आदि वस्तुएं भारत सरकार के कर मुक्त करने के साथ खुली आमद होगी, जिसके साथ भारत की खेती और पंजाब जैसा खेती अधारित राज्य तबाह हो जाएगा। 

यह हैं मुख्य मांगे 
किसान मजदूरों ने मांग की कि धान की फसल लाने के लिए 1 जून की तारीख नियत की जाए, डा. स्वामी नाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू कर फसलों के भाव दिए जाएं, किसानों मजदूरों का सरकारी, सहकारी और निजी बैंकों का चुनाव वायदे मुताबिक समूचा कर्ज खत्म किया जाए, केंद्र सरकार द्वारा तह किए जाते भाव मुताबिक सभी फसलों की सरकारी खरीद की गारंटी की जाए, दूहरी गारंटी के अंतर्गत बैंकों द्वारा लिए गए खाली चैक किसानों को वापस किए जाएं, पंजाब को नशा मुक्त किया जाए, बेरोजगार नौजवानों को घर घर नौकरी, नशा पीडितों का नशा केन्द्रों में इलाज करवा कर पूर्णवास किया जाए, मजदूरों को सस्ता अनाज,5-5मरले के प्लाट, शगुन स्कीम 51,000 रुपए,नरेगा में 365 दिन काम, दिहाड़ी दुगनी, नरेगा को कृषि में शामिल करके यह स्कीम लागू की जाए, मानी हुई मांग मुताबिक मजदूरों के घरेलू बिजली बिल बकाए खत्म किया जाए, अबादकारों को आबाद की जमीनें के पक्के मालकी हक दिए जाएं, गन्नें मीलों द्वारा किसानों का पिछला बकाया और नई पेमेंट तुरंत दी जाए, कली दूध और दूध से बनीं वस्तुओं खिलाफ छापामारी कर विक्रेताओं खिलाफ कानूनी कार्रवाई दी जाए, दूध का लाभपरक भाव दिया जाए, कर्जे कारण खुदकुशी कर गए किसानों को 10 लाख रुपए का मुआवजा और उनका पूर्णता कर्ज खत्म किए जाए, गांव कलेरबाला की फिरनी की सीमा रेखा जो हो चुकी है उस अनुसार रास्ता निकलवा कर नाला बनाया जाए, किसान नेताओं पर डाले आर.पी.एफ और पंजाब पुलिस केस वापिस लिए जाए, मानव अधिकारों की उलघना करते और लोकतंत्र के नाम पर धब्बा लगाने वाला कानून पंजाब जनतक और निजी जायदाद नुक्सान रोकू एक्ट 2017 वापिस लिया जाए, जत्थेबंद होने, बोलने और इकठ्ठा होने की आजादी बरकरार रखी जाये।

यह थे मौजूद
चरन सिंह कलेरघुमाण, मुखबैन सिंह जोधानगरी, हरबिन्दर सिंह भलाईपुर, सुखदेव सिंह चाटीविंड, सविन्दर सिंह रूपोवाली, झिर्मल सिंह बजूमान, मुख्यतार सिंह भंगवा, गुरदेव सिंह गग्गोमाहल, दिलबाग सिंह चक्कमिशरी खान, साहब सिंह कक्कड, गुरविन्दर सिंह भरोभाल, लखविन्दर सिंह डाला, गुरदेव सिंह वरपाल, प्यार सिंह पंडोरी, कश्मीर सिंह वेगेवाल, अमरदीप सिंह गोपी, बलदेव सिंह कलेर आदि थे।

Mohit