किसानों को लेकर सिद्धू का Tweet, कहा-"...पर मक्कारियाँ नहीं हैं"

punjabkesari.in Saturday, Feb 27, 2021 - 02:41 PM (IST)

पंजाब: केंद्र द्वारा जारी किए गए कृषि कानूनों का मसला अब अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुका है। पिछले 5 महीनों से किसानों की तरफ से इन कानूनों को खत्म करने के लिए दिल्ली की सरहदों पर धरना दिया जा रहा है। रोजाना हजारों की संख्या में किसान टिकरी, सिंघु बॉर्डर पर पहुंच कर आंदोलन में अपनी  हिस्सेदारी दे रहे है। पंजाब की राजनीती के गलियारों में रोजाना आग की तरह फ़ैल रहे इस मसले पर बॉलीवुड सेलेब्स, नेता अपने अपने विचार रखते रहते है। इन्ही में एक बड़ा नाम है पंजाब के धाकड़ राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू का।  


सियासत में हमेशा सिद्धू एक चर्चा का विषय बने रहते है। उनका चाहे ट्वीट हो या फिर मंच पर संबोधन सिद्धू हमेशा अख़बारों की सुर्ख़ियों में नजर आते है। आजकल वह किसानों के हक़ में सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। रोजाना वह किसानों के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपनी राय रख रहे है लेकिन इस बार अलग बात ये है कि सिद्धू अब केंद्र सरकार पर निशाना साधने के लिए अपना शायराना अंदाज अपना रहे है। 

शायराना अंदाज में केंद्र के खिलाफ खोला मोर्चा
अभी कुछ समय पहले ही सिद्धू ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा कि - '।।* किरदार में किसान के भले अदाकारियाँ  नहीं हैं ..... ।।*
।।* ख़ुद्दारी है , स्वाभिमान है , पर मक्कारियाँ नहीं हैं ।।* 
#FarmersProtests   #FarmLaws 


सिद्धू का ये शायराना अंदाज बहुत पसंद किया जा रहा है। चंद मिनटों में ही उनके इस ट्वीट को ढेरों लाइक्स और कमेंट मिल चुके है।  इससे पहले भी वह भाजपा सरकार पर कई बार निशाने साध चुके है। 

पूरे देश में किसान आंदोलन ने राजनीती के समीकरण को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। अभी बीते दिनों ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरफ से आयोजित किए गए लंच से पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की गैरहाजिरी भी कई सवाल खड़े कर रही है। अब एक मार्च से शुरू होने वाले पंजाब के बजट इजलास सत्र में भी नवजोत सिंह सिद्धू पर कांग्रेस हाईकमान कोई बड़ा फैसला ले सकती है। फिलहाल ये बदलता समीकरण कहां तक जाएगा ये तो समय ही बताएगा परन्तु कृषि कानूनों के मसले का इतने लम्बे समय के उतार-चढ़ाव के बावजूद अभी हल निकलता नहीं दिख रहा है।

Content Writer

Tania pathak