सिद्धू पर सवाल बरकरार: क्या कांग्रेस में रह कर लड़ाई लड़ेंगे या तलाशेंगे नई मंजिल?

punjabkesari.in Sunday, Mar 28, 2021 - 11:04 AM (IST)

चंडीगढ़ (हरिश्चंद्र): कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की मुलाकात को दस दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक सिद्धू की सरकार में वापसी को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। सिद्धू चुप हैं तो अमरिंदर कहते हैं कि सिद्धू ने सोचने के लिए वक्त मांगा है। अब तक कांग्रेस में किसी भी स्तर पर सिद्धू को लेकर कोई हलचल नहीं हुई है। आलम यह है कि सिद्धू महज ट्वीट के जरिए अपनी बात रख रहे हैं जिसके मायने हर कोई अपने-अपने तरीके से निकाल रहा है।

कैप्टन-सिद्धू में लंच और चाय पर दो मुलाकातें हुई तो सिद्धू की सोनिया गांधी के अलावा राहुल-प्रियंका के साथ भी करीब दो साल में कई बैठकें हो चुकी हैं। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत तो उनके कसीदे गढ़ते नहीं थकते, कभी उन्हें कांग्रेस का भविष्य कहते हैं तो कभी राफेल बताते हैं। मगर इसके बावजूद उनकी कांग्रेस में भूमिका तय नहीं हो पाई। अब यह चर्चा जोरों पर है कि दोनों ओर से जो चुप्पी दिखाई जा रही है, वह दरअसल तूफान से पहले की शांति है। 

उन्हें डिप्टी सी.एम. का पद मिले या न मिले मगर स्थानीय निकाय विभाग के साथ ही कोई भारी-भरकम विभाग जरूर मिलने जा रहा है। सिद्धू ने जिस तरह से ट्वीट कर कहा था कि वह कोई पद नहीं मांग रहे तो उसका अर्थ यही निकाला गया था कि कैप्टन ही उन्हें कुछ देने के मूड में नहीं हैं।

कोई कद्दावर नेता हो तो बात सिरे चढ़े
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि नवजोत सिद्धू को कौन-सा पद कब मिलेगा यह फैसला 10 मिनट में हो सकता है बशर्ते कोई सीनियर लीडर मध्यस्थता करे। उनका कहना था कि राहुल, प्रियंका या सोनिया गांधी आमने-सामने बिठाकर दोनों की बात करा सकते हैं। उक्त नेता की टिप्पणी थी कि कैप्टन अमरेंद्र अपने कुछ खासमखास चमचों के कहने पर सिद्धू से बैठक तो कर सकते हैं लेकिन उनमें इतना दमखम नहीं है कि कैप्टन से सिद्धू को कुछ दिलवा भी पाएं। ऐसे में सिद्धू को ऐसे लोगों के जरिए अमरेंद्र तक पहुंचना चाहिए जिनकी राजनीतिक हैसियत अमरेंद्र से ज्यादा हो। अमरेंद्र के यहां सिद्धू को सम्मान तभी मिलेगा जब कोई कद्दावर नेता साथ हो।

सिद्धू को पद हाईकमान नहीं कैप्टन ही देंगे
पंजाब में कैप्टन खेमा सबसे मजबूत है और यही माना जाता है कि यह खेमा नवजोत सिद्धू को खास तवज्जो नहीं देता। बीते दिनों यहां प्रैस कॉन्फ्रैंस में मुख्यमंत्री ने कहा था कि सिद्धू को कोई पद देना उनके नहीं बल्कि हाईकमान के हाथ में है। मगर पार्टी नेता भी जानते हैं कि अमरेंद्र सिंह की पंजाब में जितनी मजबूत स्थिति इस समय है, उसके चलते हाईकमान उनसे जबरन कुछ नहीं करा सकती। यह पूरी तरह से कैप्टन के हाथ में है कि वह किसे कौन-सा पद प्रदेश सरकार में देंगे। इससे जाहिर है कि हाईकमान के पाले में गेंद फैंक कर कैप्टन सिद्धू के मामले को और टालना चाहते हैं।
 


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Content Writer

Tania pathak

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