कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहती है साइंस ग्रुप में 97.11 % अकं लेने वाली नवनीत

punjabkesari.in Tuesday, Apr 24, 2018 - 11:47 AM (IST)

अमृतसर/चौक मेहता(स.ह.,गुलाटी): शहर की स्थानीय शैक्षणिक संस्था दशमेश पब्लिक सीनियर सैकेंडरी स्कूल में 12वीं कक्षा (साइंस ग्रुप) की छात्रा नवनीत कौर पुत्री गुरमेल सिंह निवासी गांव धरदेऊ ने 97.11 प्रतिशत (437/450) अंक प्राप्त कर आल ओवर पंजाब (आर्ट्स, कामर्स और विज्ञान ग्रुप) में पहले 10 विद्यार्थियों की मैरिट सूची में 9वां स्थान हासिल किया है, केवल साइंस ग्रुप लड़कियों में पंजाब स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। अपनी सफलता से खुश नवनीत कौर ने जहां इसका श्रेय अपने माता-पिता और अध्यापकों को दिया। उसने कार्डियोलॉजिस्ट बनकर दिल के मरीजों का उपचार करने की इच्छा भी जताई।

एक साधारण परिवार में जन्मी नवनीत कौर के पिता गुरमेल सिंह गांव के ही गुरुद्वारा साहब में ग्रंथी सिंह के तौर पर सेवा निभा रहे हैं । उसकी माता हरजिन्दर कौर घरेलू महिला है, जिन्होंने अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर खुशी का इजहार करते कहा कि उनकी बेटी ने आज उनका सिर फख्र के साथ ऊंचा कर दिया है। 2 बहनों और एक भाई में से सबसे बड़ी नवनीत कौर शुरू से ही पढ़ाई में बहुत होशियार रही है। संस्था के डायरैक्टर प्रिं. गुरदीप सिंह रंधावा और हरशदीप सिंह रंधावा ने नवनीत कौर का मुंह मीठा करवाकर उसे बधाई देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। 
नवनीत ने बताया कि अब वह पी.एम.टी. परीक्षा की तैयारी में जुटी हुई है और उसे आशा है कि उसका और उसके परिवार का उसे डाक्टर बनाने का सपना जरूर पूरा होगा। 

जिला अमृतसर में निराशाजनक रहा 12वीं का ओवरआल परिणाम
 पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से आज 12वीं के घोषित किए गए नतीजों में जिला अमृतसर का ओवरआल नतीजा 50.78 प्रतिशत रहा जो कि शिक्षा विद्वानों और विद्यार्थियों की ओर से निराशाजनक माना जा रहा है। इन नतीजों का मुख्य कारण इस बार परीक्षा केन्द्रों में नकल न होना और परीक्षा केंद्र दूसरे स्कूलों में बनाना भी माना जा रहा है।

सरकार ने सैंटरों में तबदीली कर प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों से किया धक्का : कुलवंत राय शर्मा 
पंजाब रासा के महासचिव कुलवंत राय शर्मा ने कहा कि निराशाजनक परिणामों का बड़ा और पहला कारण नकल पर नकेल है, इस तरह वही विद्यार्थी पास हुए जो कि पढऩे वाले थे। उन्होंने इसके साथ ही दूसरा कारण सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ धक्का करते हुए उनके सैंटर सरकारी स्कूलों में बनाना बताया। 

उन्होंने कहा कि इसके साथ प्राइवेट स्कूलों में पढने वाले बच्चे मानसिक तौर पर तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि चाहे सरकार ने प्राइवेट स्कूलों का नतीजा बुरा निकालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी परंतु इसके बावजूद प्राइवेट स्कूल की छात्रा ने ही जिले में अव्वल आकर अमृतसर की नाक बचाई है। इस सख्ती से सरकारी स्कूलों का नुक्सान हुआ है। कई ऐसे स्कूल भी हैं, जहां एक भी विद्यार्थी पास नहीं हो सका। 

22 जिलों में सबसे अंतिम रहा तरनतारन

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से पंजाब भर में ली गई 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के दौरान नकल पर पूरी तरह नकेल कसी गई थी, लेकिन आज परिणाम आने पर पता चला कि जिले का नाम पंजाब के 22 जिलों में अंतिम नंबर पर रहा है। तरनतारन जिले भर का नतीजा 31.6 प्रतिशत रहने के कारण बच्चों में काफी मायूसी है। इस घटिया नतीजे की जिम्मेदारी किस के सिर पर आती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। इस संबंध में अवतार सिंह तनेजा, नवीन गुप्ता, एड. कुलदीप सिंह, डा. अजीत सिंह, नरिन्द्र पुरी, एड. अमनदीप सिंह ने कहा कि नकल पर नकेल कसना बहुत जरूरी था। इस संबंधी पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों को आगे बढऩे लिए एक मौके दिया है जिससे विद्यार्थियों को सबक लेना चाहिए।

पहले दिन ही सैक्रेटरी द्वारा की गई छापेमारी 
जिले में 12वीं कक्षा के पहले दिन शुरू हुई परीक्षा के दौरान सैक्रेटरी एजुकेशन कृष्ण कुमार ने दस्तक दी थी जिसके बाद खेमकरण इलाके के कर्मचारियों को सस्पैंड भी किया गया था। इसके बाद इस इलाके में मौजूद एक स्कूल में नकल के कारण विद्याॢथयों और उनके रिश्तेदारों द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को रोष स्वरूप बंधक बनाकर धरना और स्कूल की तोडफ़ोड़ की गई थी। इस घटना के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने तहसील पट्टी अधीन आते 8 सैंटरों को तरनतारन शहर में तबदील कर दिया था। 

नहीं काम आई खर्ची मोटी रकम
12वीं कक्षा में 60 फीसदी से ऊपर नंबर दिलाने संबंधी कई प्राइवेट ठेकेदारों ने टैंडर लिए थे, जिस संबंधी उन्होंने जिले के करीब 200 किलोमीटर दूर बसते जिलों के विद्यार्थियों से करीब 1 लाख रुपए तक वसूल किए थे परंतु परीक्षा के दिनों में शिक्षा विभाग का नकल प्रति डंक इतना तेज होगा उसका ठेकेदारों को कुछ पता ही नहीं था। सूत्रों से पता चला है कि मोटी रकमें खर्चने वाले विद्यार्थी नकल न मरवाने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं।

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